China says Relationship between China and Pakistan is not aimed at any third party without naming India चीन और पाकिस्तान का रिश्ता किसी तीसरे को… भारत का नाम लिए बिना क्या बोला ड्रैगन, International Hindi News - Hindustan
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चीन और पाकिस्तान का रिश्ता किसी तीसरे को… भारत का नाम लिए बिना क्या बोला ड्रैगन

हाल ही में पाकिस्तान के डिप्टी पीएम इशाक डार चीन पहुंचे थे। इस दौरान चीन ने दोनों देशों के बीच स्थायी संघर्षविराम कराने में मदद करने की बात की थी। चीन चालाकी से दोनों पड़ोसियों के बीच संतुलन बनाने की कोशिश भी कर रहा है।

Jagriti Kumari लाइव हिन्दुस्तानWed, 21 May 2025 08:36 PM
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चीन और पाकिस्तान का रिश्ता किसी तीसरे को… भारत का नाम लिए बिना क्या बोला ड्रैगन

भारत और पाकिस्तान के बीच स्थायी मध्यस्थता कराने में मदद की पेशकश करने वाला चीन अब बैलेंस का खेल खेलने में जुट गया है। बीते दिनों पाकिस्तान को अपना सदाबहार सहयोगी बताने वाले चीन ने हाल ही में यह कहा है कि चीन और पाकिस्तान का रिश्ता किसी भी तीसरे पक्ष को केंद्रित नहीं है। बता दें कि चीन का यह बयान ऐसे समय में आया है जब हाल ही में पाकिस्तान के डिप्टी पीएम इशाक डार चीन पहुंचे थे।

इससे पहले पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार ने हाल ही में टिप्पणी की थी कि पाकिस्तान चीन के साथ अपनी व्यापारिक साझेदारी को और मजबूत करने जा रहा है। खबरों में यह दावा भी किया गया है कि चीन और पाकिस्तान ने हाल ही में भारत-पाकिस्तान तनाव के संदर्भ में पाकिस्तान के लिए सुरक्षा सहयोग की बात की। हालांकि चीन खुद को ऐसे दावों से खुद को दूर करता दिख रहा है।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग ने बुधवार को एक बैठक के बारे में मीडिया के सवालों के जवाब देते हुए कहा, "चीन ने बैठक के बारे में जानकारी जारी की है। आप उसका संदर्भ ले सकते हैं। मेरे पास देने के लिए अधिक विशिष्ट जानकारी नहीं है, लेकिन मैं आपको बता सकता हूं कि चीन और पाकिस्तान एक पड़ोसी हैं और विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बहुत करीब है।”

चीन का बैलेंसिंग एक्ट

चीनी प्रवक्ता ने आगे कहा, “जहां तक ​​मौजूदा स्थिति की बात है, मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि चीन-पाकिस्तान सहयोग किसी तीसरे पक्ष को लक्षित नहीं है।" इससे पहले ऐसी खबरें भी आई थीं कि भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता कराने का क्रेडिट अमेरिका को देने से चीन पाक से रूठ गया है। दरअसल चीन वैश्विक स्तर कर खुद को एक पीस मेडिएटर के तौर पर स्थापित करना चाहता है। ऐसे में चीन कथित रूप से इस बात से नाराज हो गया कि संकट के समय में पाकिस्तान ने अमेरिका से संपर्क किया, चीन से नहीं।

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सीजफायर पर क्या कहा

इसके बाद चीन ने भारत और पाक के बीच संघर्षविराम का स्वागत करते हुए कहा था कि चीन इसे स्थायी रखने में रचनात्मक भूमिका निभा सकता है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ ने बीते सोमवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, “भारत और पाकिस्तान के बीच स्थित के बारे में चीन ने कई मौके पर अपनी स्थिति बताई है। हम दोनों पक्षों के साथ संवाद बनाए रखने और पूर्ण और स्थाई युद्ध विराम को साकार करने और क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को बनाए रखने में रचनात्मक भूमिका निभाने को तैयार हैं।”

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