Chinese nationals charged with smuggling agroterrorism agent into US Kash Patel sounds alarm US में कृषि आतंकवाद फैलाना चाहता था चीन? खतरनाक 'बायो हथियार' के साथ पकड़ी गई चीनी महिला, International Hindi News - Hindustan
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US में कृषि आतंकवाद फैलाना चाहता था चीन? खतरनाक 'बायो हथियार' के साथ पकड़ी गई चीनी महिला

इस मामले में जियान के प्रेमी, जुनयोंग लियू को भी सह-अभियुक्त बनाया गया है। लियू एक चीनी विश्वविद्यालय में शोधकर्ता है और उसी रोगजनक पर काम करता है।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, वाशिंगटनWed, 4 June 2025 07:35 AM
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US में कृषि आतंकवाद फैलाना चाहता था चीन? खतरनाक 'बायो हथियार' के साथ पकड़ी गई चीनी महिला

अमेरिका की केंद्रीय जांच एजेंसी FBI ने एक चीनी नागरिक को अमेरिका में एक खतरनाक जैविक रोगजनक की तस्करी करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार की गई चीनी नागरिक का नाम युनकिंग जियान है। जियान पर आरोप है कि वह एक खतरनाक जैविक रोगजनक (बायोलॉजिकल पैथोजन) को अमेरिका में तस्करी कर लाई थी। खुद एफबीआई प्रमुख काश पटेल ने मंगलवार को इस मामले की जानकारी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा की।

पटेल ने बताया कि गिरफ्तार की गई महिला युनकिंग जियान यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन में काम कर रही थी। उस पर आरोप है कि उसने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के प्रति वफादारी जताई है और उसे चीन सरकार से इसी फंगस पर काम करने के लिए फंडिंग भी मिली थी। चीनी महिला पर जिस पैथोजन की तस्करी का आरोप है उसे विज्ञान की दुनिया में "संभावित कृषि आतंकवाद हथियार" के रूप में वर्गीकृत किया गया है।

कौन-सी फंगस तस्करी की गई?

पटेल के मुताबिक, जियान ने “फ्यूजेरियम ग्रैमिनेरम” नाम की खतरनाक फंगस को अमेरिका में लाकर रिसर्च के लिए इस्तेमाल किया। यह फंगस एक एग्रो-टेररिज्म एजेंट मानी जाती है जो गेहूं, जौ, मक्का और धान जैसी प्रमुख फसलों में “हेड ब्लाइट” नामक रोग फैलाती है। यह न केवल फसलों को भारी नुकसान पहुंचाती है, बल्कि इंसानों और जानवरों की सेहत के लिए भी खतरनाक मानी जाती है। पटेल ने लिखा, “यह फंगस हर साल दुनियाभर में अरबों डॉलर की आर्थिक क्षति पहुंचाने के लिए जिम्मेदार है।”

बॉयफ्रेंड भी आरोपी, चीन से लाई गई फंगस

जांच एजेंसियों ने इस मामले में जियान के प्रेमी जुनयोंग लियू को भी आरोपी बनाया है, जो चीन की एक यूनिवर्सिटी में कार्यरत है। आरोप है कि उसने पहले झूठ बोला लेकिन बाद में कबूल किया कि वह भी यही फंगस डेट्रॉइट मेट्रोपॉलिटन एयरपोर्ट के जरिए अमेरिका लाया था, ताकि यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन में रिसर्च कर सके।

कई संगीन आरोप, संयुक्त जांच में खुलासा

जियान और लियू दोनों पर षड्यंत्र, अमेरिका में अवैध वस्तुएं तस्करी करने, झूठे बयान देने और वीजा धोखाधड़ी जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इस पूरे मामले की जांच एफबीआई और यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन ने मिलकर की। कश पटेल ने कहा, “चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) लगातार ऐसे एजेंट और रिसर्चर अमेरिका की संस्थाओं में भेज रही है, जिनका मकसद हमारे खाद्य आपूर्ति तंत्र को निशाना बनाना है। यह अमेरिका के नागरिकों और अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर खतरा है।” यह मामला ऐसे वक्त पर सामने आया है जब अमेरिका और चीन के बीच संबंधों में लगातार तनाव बढ़ रहा है। ट्रंप प्रशासन हाल ही में चीनी छात्रों के वीजा पर सख्ती बरतने की घोषणा कर चुका है।

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एफबीआई निदेशक काश पटेल की चेतावनी

एफबीआई निदेशक काश पटेल ने फॉक्स न्यूज डिजिटल को दिए बयान में इस मामले को अमेरिका की खाद्य आपूर्ति के लिए गंभीर राष्ट्रीय सुरक्षा खतरे के रूप में बताया। उन्होंने कहा, "यह मामला एक गंभीर चेतावनी है कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) लगातार अपने जासूसों और शोधकर्ताओं को हमारी संस्थाओं में घुसपैठ करने और हमारी खाद्य आपूर्ति को निशाना बनाने के लिए तैनात कर रही है, जो हमारी अर्थव्यवस्था को पंगु बना सकता है और अमेरिकी लोगों की जान को खतरे में डाल सकता है।" उन्होंने आगे कहा, "ज्ञात कृषि आतंकवाद एजेंट को अमेरिका में तस्करी करना केवल कानून का उल्लंघन नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सीधा खतरा है। मैं एफबीआई डेट्रॉयट डिवीजन और हमारे सहयोगी सीबीपी (कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन) को इस जैविक खतरे को वास्तविक नुकसान पहुंचाने से पहले रोकने के लिए बधाई देता हूं।"

यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब ट्रंप प्रशासन ने चीनी छात्रों के वीजा को "आक्रामक रूप से" रद्द करने की घोषणा की है, विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़े हैं या महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अध्ययन कर रहे हैं। यह घटना विदेशी नागरिकों द्वारा अमेरिका में शोध करने से संबंधित चल रही राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को और बढ़ा देती है।

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