Donald Trump trade deal with UK amidst improving relations with China enraged चीन से सुधरते रिश्तों के बीच ट्रंप का चुभने वाला कदम! यूके संग बड़ी ट्रेड डील, भड़का ड्रैगन, International Hindi News - Hindustan
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चीन से सुधरते रिश्तों के बीच ट्रंप का चुभने वाला कदम! यूके संग बड़ी ट्रेड डील, भड़का ड्रैगन

चीन से सुधरते रिश्तों के बीच अमेरिकी की डोनाल्ड ट्रंप सरकार ने यूके संग बड़ी व्यापारिक संधि पर हस्ताक्षर किए हैं। चीन ट्रंप के इस कदम पर भड़क गया है। उसने इसे चीन के हितों के खिलाफ बताया।

Gaurav Kala एजेंसियांWed, 14 May 2025 09:10 AM
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चीन से सुधरते रिश्तों के बीच ट्रंप का चुभने वाला कदम! यूके संग बड़ी ट्रेड डील, भड़का ड्रैगन

चीन और ब्रिटेन के बीच धीरे-धीरे सामान्य होते रिश्तों को तगड़ा झटका लगा है। अमेरिका और यूके ने एक नई रणनीतिक व्यापार संधि पर हस्ताक्षर किए, जिसमें "तीसरे देशों की गैर-बाजार नीतियों से निपटने" का उल्लेख है। चीन ने इसे सीधे अपने खिलाफ साजिश बताया और तीखी प्रतिक्रिया दी है। दरअसल, चीन के लिए यह ट्रेड डील इसलिए भी नागवार है, क्योंकि टैरिफ वॉर को समाप्त करके ट्रंप सरकार और चीन में रिश्ते सुधरते दिखाई दे रहे हैं। ट्रंप ने फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा भी था कि वाशिंगटन के पास चीन के साथ एक "बहुत ही मजबूत" व्यापार समझौते का खाका तैयार है, जिससे बीजिंग की अर्थव्यवस्था अमेरिकी कारोबार के लिए "खुल जाएगी"।

अब अमेरिका और ब्रिटेन के बीच ट्रंप प्रशासन द्वारा घोषित इस डील को बीजिंग ने "अन्य देशों के हितों के खिलाफ" बताया और कहा "सहयोग कभी भी किसी तीसरे पक्ष के खिलाफ नहीं होना चाहिए।" यह बयान ब्रिटेन की लेबर सरकार के लिए असहज स्थिति पैदा कर गया, जो बीते महीनों में चीन के साथ रिश्तों को पटरी पर लाने की कोशिश कर रही थी।

चीन के भड़कने की वजह

विवाद की जड़ में है वह क्लॉज, जिसके तहत अमेरिका और ब्रिटेन मिलकर ऐसे देशों की नीतियों के खिलाफ कदम उठाएंगे जो "गैर-पारदर्शी और प्रतिस्पर्धाविरोधी" हैं — और जानकारों के मुताबिक़ इसका संकेत स्पष्ट रूप से चीन की ओर है। ब्रिटेन को यह डर है कि चीन इस डील को अपने खिलाफ गठजोड़ मान सकता है, जिससे £600 मिलियन (करीब 6300 करोड़ रुपए) के निवेश समझौतों पर असर पड़ सकता है, जिनकी हाल ही में ब्रिटिश वित्त मंत्री रैचेल रीव्स ने बीजिंग यात्रा में घोषणा की थी।

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चीन की घेराबंदी

यह डील ऐसे समय में आई है जब वॉशिंगटन और बीजिंग के बीच टेक्नोलॉजी, व्यापार और भू-राजनीतिक स्तर पर टकराव को कम करने की कोशिशें हो रही थीं। दोनों पक्षों के बीच हाल में कुछ उच्च स्तरीय संवाद हुए थे, जिससे रिश्तों में आइसब्रेक के संकेत मिले थे। लेकिन अब इस डील को चीन ने एक "रणनीतिक घेराबंदी" के तौर पर देखा है। विशेषज्ञों के मुताबिक ट्रंप की यह पहल चीन पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा हो सकती है, जिससे अमेरिका के व्यापारिक हित भी सुरक्षित रहें और चीन को घेरने वाला गठजोड़ भी मज़बूत हो।

अमेरिका और ब्रिटेन में करार

अमेरिका ने यूके से 25% स्टील और एल्युमिनियम टैरिफ हटाने के बदले में अपनी कृषि उत्पादों को ब्रिटिश बाजार में अधिक पहुंच दिलवाई है। इसके अलावा, ब्रिटिश कारों पर अमेरिकी टैक्स भी सीमित कर दिया गया है। ब्रिटेन सरकार ने इस डील को "राष्ट्रहित में" बताते हुए कहा, "हम चीन समेत कई देशों से निवेश के लिए खुले हैं, लेकिन हमारी प्राथमिकता पारदर्शी और रणनीतिक व्यापार है।"

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