पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में कौन कर रहा जनता पर ड्रोन हमले, सरकार की चुप्पी से सवाल
ड्रोन हमले में 4 मासूम बच्चे मारे गए थे। उस अटैक के बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा भड़क गया था और वे करीब एक सप्ताह तक धरने पर बैठे रहे। स्थानीय लोगों का कहना है कि आतंकियों से निपटने के नाम पर शायद सुरक्षा बलों ने ही ये हमले किए हैं और अब इस पर सरकार ने इसी कारण से चुप्पी साध रखी है।

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बीते 10 दिनों के अंदर दो भीषण ड्रोन अटैक हुए हैं। मंगलवार की रात को फिर से एक ड्रोन अटैक हुआ, जिसमें वॉलीबॉल के एक ग्राउंड को निशाना बनाया गया। इस हमले में 22 लोग बुरी तरह जख्मी हुए हैं, जिसमें 7 बच्चे शामिल हैं। यह हमला दक्षिण वजीरिस्तान में हुआ है। यहीं पर 19 मई को भी एक हमला हुआ था। उस ड्रोन हमले में 4 मासूम बच्चे मारे गए थे। उस अटैक के बाद स्थानीय लोगों में गुस्सा भड़क गया था और वे करीब एक सप्ताह तक धरने पर बैठे रहे। स्थानीय लोगों का कहना है कि आतंकियों से निपटने के नाम पर शायद सुरक्षा बलों ने ही ये हमले किए हैं और अब इस पर सरकार ने इसी कारण से चुप्पी साध रखी है।
पाकिस्तानी सुरक्षा बलों का कहना है कि दक्षिण वजीरिस्तान में ताजा हमला मंगलवार की रात को 8 बजे के करीब हुआ। इस ड्रोन अटैक में एक वॉलीबॉल ग्राउंड को निशाना बनाया गया। इस हमले में एक 13 साल का बच्चा गंभीर रूप से घायल है। स्थानीय लोगों में पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार के प्रति इन हमलों को लेकर बहुत ज्यादा गुस्सा है। इन लोगों का सवाल है कि आखिर सरकार जवाब क्यों नहीं दे रही कि ये हमलें क्यों और किसने किए हैं। सरकार की चुप्पी के चलते ही आशंका यह भी है कि शायद सुरक्षा बलों ने ही आतंकियों पर निशाना साधने के लिए ये हमले किए हैं, जिनमें आम लोग भी टारगेट पर आए हैं।
शहबाज शरीफ सरकार ने इन हमलों को लेकर खुलकर कुछ नहीं कहा है, लेकिन सुरक्षा सूत्रों का कहना है कि शायद तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान की ओर से ऐसे अटैक हो रहे हैं। फिर भी सरकार ने इन हमलों को रोक क्यों नहीं पा रही है, इसे लेकर लोगों में गुस्सा है। वजीरिस्तान वह इलाका है, जो जनजाति बहुल है। यहां लंबे समय से पाकिस्तान की सरकार और सेना का दखल भी नहीं रहा है। कभी इस क्षेत्र को स्वायत्तता भी मिली हुई थी, जो अब खत्म है। लेकिन अब भी यहां स्वायत्तता को लेकर संघर्ष चलता रहता है।
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