भारी नुकसान उठाने के बाद नरम पड़े एलन मस्क! डोनाल्ड ट्रंप से लगाने लगे टैरिफ वापस लेने की गुहार
- वॉशिंगटन पोस्ट के मुताबिक खुद डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करके एलन मस्क ने टैरिफ वापस लेने की अपील की है। टैरिफ के ऐलान के बाद टेस्ला को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है।
डोनाल्ड ट्रंप के दुनियाभर के करीब 60 देशों पर टैरिफ लगाने के ऐलान के बाद मार्केट में खलबली मची हुई है। डोनाल्ड ट्रंप के करीबी कारोबारी भी टैरिफ को कोसने लगे हैं। इस बीच डोनाल्ड ट्रंप के सबसे करीबी एलन मस्क ने भी डोनाल्ड ट्रंप से टैरिफ वापस लेने की गुहार लगाई है। वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप से निजी मुलाकात करके कहा है कि वह चीन पर लगाए गए नए टैरिफ को वापस ले लें। बता दें डिनाल्ड ट्रंप ने चीन से आयात पर 50 फीसदी का टैरिफ लगाने की धमकी दी है।
ट्रंप के टैरिफ के ऐलान के बाद शेयर बाजार में तेजी के बावजूद टेस्ला के शेयर धड़ाम हो गए। वहीं एलन मस्क की नेटवर्थ भी 4.39 अरब डॉलर गिर गई है। इस साल एलन मस्क की नेटवर्थ में काफी कमी दर्ज की गई है। बता दें कि अगर डोनाल्ड ट्रंप चीन पर नए टैरिफ लगा देते हैं तो कुल मिलाकर टैरिफ 104 फीसदी हो जाएगा।
रिपोर्ट के मुताबिक एलन मस्क ने टैरिफ वापस लेने की अपील करने के लिए डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की। हालांकि वह सफल नहीं हो पाए। सोमवार को ही डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह चीनी आयात पर 50 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाएंगे। इससे पहले उन्होंने 34 फीसदी टैरिफ का ऐलान किया था। डोनाल्ड ट्रंप ने यह भी संकेत किया है कि वह अपनी पॉलिसी को लेकर बात करने को भी तैयार हैं।
एलन मस्क ने सार्वजनिक रूप से टैरिफ का विरोध नहीं किया। उन्होने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर आर्थिक जनकार मिल्टन फ्रीडमैन का वीडियो भी शेयर किया जिसमें वह बता रहे थे कि कैसे अंतरराष्ट्रीय व्यापार से हर किसी को लाभ होता है। एक साधाराण पेंसिल का उदाहरण देकर उन्होंने बताया कि कैसे दुनियाभर से सामग्री जुटाकर इसको बनाया जाता है। माना जा रहा था कि एलन मस्क संकेतों में यही बताना चाहते थे कि इतना ज्यादा टैरिफ कैसे दुनियाभर को नुकसान पहुंचाएगा और आपसी संबंध भी खराब होंगे।
बता दें कि टेस्ला की अमेरिका और चीन दोनों जगह बड़ी मार्केट है। ऐसे में टैरिफ से एलन मस्क को बड़ा नुकसान हो रहा है। इसको लेकर एलन मस्क की भिड़ंत डोनाल्ड ट्रंप की टीम से भी होने लगी है। उन्होंने वाइट हाउस के सलाहकार पीटर नावारो की भी आलोचना की थी और उनके एजुकेशनल बैकग्राउंड पर सवाल उठा दिए थे। उन्होंने कहा था कि हार्वर्ड से इकनॉमिक्स में पीएचडी करना अच्छी बात नहीं बल्कि बुरी बात है। 2020 में भी एलन मस्क ने चीन पर लगाए गए टैरिफ का विरोध किया था।
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