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तीन देशों से दूतावास क्यों खाली करने में जुटा है अमेरिका, इस्लामिक देशों में क्या है डर

अमेरिका ने बगदाद स्थित दूतावास से गैर-जरूरी कर्मचारियों की निकासी का आदेश दिया है। इसके साथ ही, बहरीन और कुवैत में भी अमेरिकी नागरिकों और कर्मचारियों के परिवारों को प्रस्थान की अनुमति दी गई है।

Amit Kumar भाषा, बगदादThu, 12 June 2025 10:33 AM
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तीन देशों से दूतावास क्यों खाली करने में जुटा है अमेरिका, इस्लामिक देशों में क्या है डर

पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव और युद्ध की आशंका के बीच अमेरिका ने इराक, कुवैत, और बहरीन सहित कई देशों में अपने दूतावासों से गैर-जरूरी कर्मचारियों और उनके परिजनों को निकालने का आदेश जारी किया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने क्षेत्रीय अशांति की आशंका को देखते हुए यह कदम उठाया है, जिसके पीछे ईरान के साथ बढ़ता तनाव और इजरायल-ईरान के बीच संभावित सैन्य टकराव को प्रमुख कारण माना जा रहा है।

अमेरिका के विदेश विभाग और सेना ने बुधवार को कहा कि पश्चिम एशिया में अशांति की आशंकाओं के बीच अमेरिका इस क्षेत्र में अपने दूतावासों में उन कर्मचारियों की संख्या कम कर रहा है जिनकी उसके मुताबिक वहां जरूरत नहीं है। विदेश विभाग ने कहा कि उसने अपनी नवीनतम समीक्षा और ‘‘घर तथा विदेश दोनों जगह अमेरिकियों को सुरक्षित रखने’’ की प्रतिबद्धता के आधार पर बगदाद में अमेरिकी दूतावास से सभी गैर-आवश्यक कर्मियों को वहां से निकलने का आदेश दिया है। दूतावास में पहले ही सीमित संख्या में कर्मचारी थे और यह आदेश बड़ी संख्या में कर्मियों को प्रभावित नहीं करेगा।

विभाग बहरीन और कुवैत से भी गैर-आवश्यक कर्मियों तथा उनके परिवार के सदस्यों को दूतावास छोड़ने की अनुमति दे रहा है। इससे उन्हें सरकारी खर्च और सरकारी सहायता से उन देशों को छोड़ने का विकल्प मिलता है। अमेरिकी केंद्रीय कमान ने एक बयान में कहा कि रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने ‘‘पूरे क्षेत्र से सैन्य आश्रितों के स्वैच्छिक प्रस्थान को अधिकृत किया है’’। कमान पश्चिम एशिया में तनाव की स्थिति पर नजर रख रही है।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार शाम को वाशिंगटन के कैनेडी सेंटर में कहा, ‘‘उन्हें वहां से हटाया जा रहा है क्योंकि यह एक खतरनाक जगह हो सकती है। हमने वहां से हटने के लिए नोटिस दे दिया है और हम देखेंगे कि क्या होता है।’’ हाल के दिनों में इस क्षेत्र में तनाव बढ़ रहा है, वहीं ईरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका से उसकी बातचीत में गतिरोध पैदा होता नजर आ रहा है।

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वार्ता का उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम को सीमित करना है, जिसके बदले में अमेरिका द्वारा इस्लामिक गणराज्य पर लगाए गए कुछ कठोर आर्थिक प्रतिबंधों को हटाया जाएगा। ईरान का कहना है कि उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है। अमेरिका के दो अधिकारियों ने नाम जाहिर नहीं होने की शर्त पर पहले कहा था कि वार्ता का अगला और छठा चरण इस सप्ताहांत ओमान में संभावित है।

हालांकि, उन अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि वार्ता होने की संभावना कम होती जा रही है। ट्रंप ने पहले कहा था कि अगर वार्ता विफल हो जाती है तो इजराइल या अमेरिका ईरानी परमाणु केंद्रों को निशाना बनाकर हवाई हमले कर सकते हैं। उन्होंने ईरान के साथ किसी समझौते पर पहुंचने के बारे में बहुत ज्यादा आशावादी दृष्टिकोण व्यक्त नहीं किया। ट्रंप ने न्यूयॉर्क पोस्ट के ‘‘पॉड फोर्स वन’’ पॉडकास्ट में कहा कि वह ‘‘इस समझौते के बारे में और भी कम आश्वस्त होते जा रहे हैं।’’

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