इजरायल पर फिर हमला बोलेगा ईरान? तैयारियों में जुटा; 800 बैलिस्टिक मिसाइलों पर चीन संग बड़ी डील
पिछले साल 1 अप्रैल को, इजराइल ने दमिश्क में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर बमबारी की थी, जिसमें कई वरिष्ठ ईरानी अधिकारी मारे गए थे। इससे बौखलाए ईरान ने पलटवार करते हुए 13 अप्रैल को इजरायल के अंदर कई हमले किए थे।

ईरान और अमेरिका के बीच परमाणु समझौते को लेकर चल रही बातचीत के बीच ईरान ने चीन के साथ बैलिस्टिक मिसाइलों पर बड़ी डील की है। अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान ने अपनी सैन्य क्षमताओं के पुनर्निर्माण की कोशिश के तहत चीन को हजारों टन बैलिस्टिक मिसाइल सामग्री की आपूर्ति करने का ऑर्डर दिया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान ने जिस मात्रा में मिसाइल सामग्री का ऑर्डर दिया है, अगर उसकी आपूर्ति हो जाती है तो उससे 800 बैलिस्टिक मिसाइल तैयार हो सकते हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले कुछ महीनों में चीन ईरान को इस खेप की आपूर्ति करने वाला है। इस ऑर्डर में अमोनियम परक्लोरेट (Ammonium Perchlorate) शामिल है, जो बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ठोस ईंधन का एक प्रमुख घटक है। सूत्रों ने संकेत दिया कि ये सामग्रियाँ संभावित रूप से 800 मिसाइलों को ईंधन दे सकती हैं।
मिलिशिया समूहों को भी देगा ईंधन?
सूत्रों के हवाले से रिपोर्ट्स में कहा गया है कि कुछ अमोनियम परक्लोरेट ईरान के साथ गठबंधन करने वाले मिलिशिया समूह को भी भेजा जा सकता है। इस मिलिशिय समूह में यमन के हूती विद्रोही भी शामिल हैं। माना जा रहा है कि इस कदम ईरान को अपने क्षेत्रीय प्रभाव को मजबूत करने और अपने मिसाइल शस्त्रागार का पुनर्निर्माण करने में मदद मिलेगी।
ट्रंप प्रशासन से भी चल रही बात
हालांकि, दूसरी तरफ इससे मध्य-पूर्व में तनाव और युद्ध का एक नया मोर्चा खोल सकता है। ईरान पहले से ही इजरायल और अमेरिका के साथ युद्ध के मुहाने पर खड़ा है और फिलहाल परमाणु कार्यक्रम के भविष्य पर ट्रम्प प्रशासन के साथ बातचीत कर रहा है। ईरान अपने परमाणु गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए अमेरिका के आह्वान के बावजूद, यूरेनियम संवर्धन के अपने एजेंडे पर काम कर रहा है। इसके साथ ही, ईरान ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह अपने मिसाइल कार्यक्रम पर किसी से भी किसी तरह की बातचीत करने का कोई इरादा नहीं रखता है।
पिछले साल ईरान-इजरायल में हुई थी झड़प
साफ है कि ईरान का मकसद अब बैलिस्टिक मिसाइल के क्षेत्र में आगे बढ़ने की है। सूत्रों के अनुसार, इतनी बड़ी संख्या में मिसाइल सामग्री का ऑर्डर हाल के महीनों में ईरानी संस्था, पिशगामन तेजरत रफी नोविन कंपनी द्वारा हांगकांग स्थित लॉयन कमोडिटीज होल्डिंग्स लिमिटेड को दिया गया है। बता दें कि परमाणु समझौते पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान को यूरेनियम संवर्धन करने से रोक दिया है, जबकि तेहरान ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि यदि वाशिंगटन अपना रुख जारी रखता है तो उसके साथ कोई समझौता नहीं हो सकता है। ईरान ने पिछले साल अप्रैल में इजरायल पर ड्रोन और मिसाइल से हमला बोल दिया था। इसके बाद इजरायल ने भी ईरान पर पलटवार किया था।
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