म्यांमार में हर तरफ तबाही का मंजर, 3000 तक पहुंचा मौतों का आंकड़ा; अब तक निकाले जा रहे शव
- म्यांमार में बीते सप्ताह आए भूकंप के बाद मरने वालों की संख्या 3000 से ज्यादा तक पहुंच चुकी है। राहत और बचाव कार्य जारी है जहां मलबे से लोगों को जिंदा निकाले जाने की संभावनाएं खत्म होती जा रही हैं।
म्यांमार में बीते सप्ताह आए भूकंप के बाद से देश में जीवन अस्त-व्यस्त हो चुका है। कई शहर मलबे में तब्दील हो चुके हैं और राहत और बचाव दल के लोग दिन रात मलबे को हटाने की कोशिशों में जुटे हैं। वहीं हादसे के छह दिन बीत जाने के बाद अब मलबे के बीच किसी के जिंदा बचने की संभावनाएं खत्म होती जा रही हैं। इस बीच गुरुवार को मरने वालों की संख्या 3000 से ज्यादा तक पहुंच गई है। देश की सैन्य नेतृत्व वाली सरकार ने बताया है कि गुरुवार को बचाव दलों को और शव मिले हैं जिससे मृतकों का आधिकारिक आंकड़ा 3,085 तक पहुंच गया है। सरकार ने कहा है कि कई सहायता समूह घायलों की मदद करने में जुटे हुए हैं।
एक संक्षिप्त बयान में सेना ने कहा है कि हादसे के बाद करीब 4 हजार से ज्यादा लोग घायल हैं। वहीं सैकड़ों लोग अब भी लापता हैं। गौरतलब है कि बीते शुक्रवार को आए भूकंप का केंद्र म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर मांडले के पास था। इसकी तीव्रता 7.7 मापी गई। भीषण भूकंप में देश के बुनियादी ढांचों को जबरदस्त नुकसान पहुंचा है जहां हजारों इमारतें ध्वस्त हो गई हैं। वहीं कई प्रमुख सड़कें और पुलों के क्षतिग्रस्त हो जाने से सुदूर इलाकों में मदद पहुंचाना भी मुश्किल हो रहा है।
मरने वालों की संख्या कहीं ज्यादा
स्थानीय मीडिया के मुताबिक इस त्रासदी में मरने वालों की संख्या आधिकारिक आंकड़ों से कहीं ज़्यादा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक दूरसंचार सेवाओं के बाधित होने की वजह से कई जगहों तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में ज्यादा जानकारी सामने आने पर मृतकों की संख्या तेजी से बढ़ सकती हैं। भूकंप के बाद कई लोग बेघर भी हो गए हैं। संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक भूकंप ने देश में पहले से जारी गंभीर मानवीय संकट को और बढ़ा दिया है। अनुमान के मुताबिक देश के लगभग 30 लाख से अधिक लोग अपने घरों से विस्थापित हो गए हैं।
अस्पताल हुए तबाह
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बताया है कि शुरुआती आकलन के मुताबिक भूकंप में चार अस्पताल और एक स्वास्थ्य केंद्र पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं। वहीं दर्जनों अन्य अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को भी नुकसान पहुंचा है। संयुक्त राष्ट्र ने बताया, "बुनियादी ढांचे के क्षतिग्रस्त होने और मरीजों की बढ़ती संख्या के की वजह से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्रों में सेवा पहुंचाना मुश्किल हो रहा है। हजारों लोगों को ट्रॉमा केयर, सर्जिकल केयर और अन्य उपचार की तत्काल जरूरत है।" बता दें कि भारत का एक मोबाइल हॉस्पिटल भी जरूरतमंदों की मदद की जुटा हुआ है।
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