रामदेव की पतंजलि को जमीन देकर बुरे फंसे नेपाल के पूर्व PM, भ्रष्टाचार के आरोप के बाद सांसदी गई
यह मामला काठमांडू से लगभग 40 किमी दूर काभ्रे जिले में पतंजलि योगपीठ द्वारा खरीदी गई 32 हेक्टेयर जमीन से जुड़ा है। यह जमीन योग केंद्र और हर्बल खेती के उद्देश्य से खरीदी गई थी।

योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि योगपीठ और नेपाल सरकार के बीच एक जमीन खरीद का सौदा हुआ था। इस सौदे में भ्रष्टाचार की खबरें आईं। इसके कारण नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री को अपनी सांसदी तक गंवानी पड़ गई है। नेपाल की भ्रष्टाचार विरोधी एजेंसी CIAA ने गुरुवार को पूर्व प्रधानमंत्री और सीपीएन यूनिफाइड सोशलिस्ट पार्टी के अध्यक्ष माधव कुमार के खिलाफ जमीन घोटाले में आरोपपत्र दायर किया है। यह मामला पतंजलि योगपीठ द्वारा जमीन खरीद में हुई कथित अनियमितताओं से जुड़ा है।
यह मामला काठमांडू से लगभग 40 किमी दूर काभ्रे जिले में पतंजलि योगपीठ द्वारा खरीदी गई 32 हेक्टेयर जमीन से जुड़ा है। यह जमीन योग केंद्र और हर्बल खेती के उद्देश्य से खरीदी गई थी। लेकिन CIAA के अनुसार, माधव नेपाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक ने भूमि अधिनियम में छूट देकर यह अनुमति दी थी और दो महीने बाद एक और फैसले से जमीन को व्यावसायिक उपयोग के लिए भी खोल दिया गया।
CIAA ने इसे सरकारी नीति का दुरुपयोग बताया है और दावा किया कि इससे सरकार को लगभग 11.6 करोड़ भारतीय रुपये का नुकसान हुआ। इस नुकसान की भरपाई के लिए माधव नेपाल से राशि वसूलने की सिफारिश की गई है। इस केस में कुल 94 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें पूर्व कानून मंत्री प्रेम बहादुर सिंह, पूर्व भूमि सुधार मंत्री दंबर श्रेष्ठ, पूर्व मुख्य सचिव माधव प्रसाद घिमिरे और पतंजलि (नेपाल) के निदेशक सलीग्राम सिंह का नाम शामिल है। हालांकि, पतंजलि प्रमुख बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण का नाम आरोपपत्र में नहीं है।
सांसदी गई, लेकिन लड़ाई जारी रखने का ऐलान
नेपाल के कानून के अनुसार, किसी भी सार्वजनिक पद पर आसीन व्यक्ति पर भ्रष्टाचार का आरोप लगते ही उन्हें तत्काल निलंबित कर दिया जाता है। इस कारण माधव नेपाल की सांसद सदस्यता स्वतः समाप्त हो गई है। माधव कुमार नेपाल ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा, “मैंने कुछ गलत नहीं किया है। मैं कानूनी प्रक्रिया का सामना करने के लिए तैयार हूं। यह सब प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली की राजनीतिक साजिश है, जो मुझे पूरी तरह से खत्म करना चाहते हैं।”
पतंजलि की सफाई
पतंजलि योगपीठ के सूत्रों का कहना है कि उन्होंने जमीन का कोई व्यावसायिक उपयोग नहीं किया है और सभी कार्य योग केंद्र व आयुर्वेदिक अनुसंधान के लिए ही किए गए हैं।
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