पाक पत्रकार ने PM मोदी पर लगाया समझौता रोकने का आरोप, US अधिकारी ने कर दी बोलती बंद
अमेरिका ने स्पष्ट कर दिया है कि वह भारत और पाकिस्तान के बीच विवादों में किसी पक्ष को दोषी ठहराने की बजाय, सिर्फ शांति, सीजफायर और संवाद को बढ़ावा देने पर ध्यान देगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र को लेकर पूछे गए एक बेहूदे सवाल के जवाब में अमेरिकी विदेश विभाग के वरिष्ठ अधिकारी ने एक पाकिस्तानी पत्रकार को सख्त जवाब दिया। पाक पत्रकार ने पीएम मोदी पर भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने की वार्ता को बाधित करने का आरोप लगाया था। यह घटना उस समय हुई जब पत्रकार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सवाल उठाया कि क्या अमेरिका इस बात से निराश है कि पीएम मोदी ने तथाकथित "शांति समझौते" का स्वागत नहीं किया। पत्रकार ने पूछा, "भारत ने अमेरिकी मध्यस्थता की बात को नकार दिया है आप भारत और पाकिस्तान को कैसे बातचीत की टेबल पर लेकर आएंगे?"
हमारा ध्यान युद्धविराम पर- अमेरिका
इस पर अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारी थॉमस पिगॉट ने स्पष्ट रूप से कहा, "हमारा ध्यान युद्धविराम पर है। हम इसे बनाए रखने और दोनों पक्षों के बीच सीधे संवाद को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।" उन्होंने पत्रकार के सवाल को दरकिनार करते हुए भारत या पीएम मोदी पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। पिगॉट ने यह भी दोहराया कि अमेरिका की प्राथमिकता क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करना है।
पत्रकार ने एक सवाल में कहा कि पाकिस्तान अमेरिका की शांति प्रयासों का स्वागत करता है और उनका मानना है कि अगर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत-पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे पर शांति ला पाए, तो उन्हें नोबेल शांति पुरस्कार मिल सकता है।
हम इससे खुश हैं कि सीजफायर हो रहा- अमेरिका
इस पर अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारी थॉमस पिगॉट ने दो टूक कहा कि अमेरिका की प्राथमिकता केवल सीजफायर और सीधे संवाद पर है। उन्होंने कहा, “हम इससे खुश हैं कि सीजफायर हो रहा है। हमारा पूरा ध्यान इसी पर है। हम चाहते हैं कि सीजफायर बना रहे और दोनों देशों के बीच सीधे संवाद को प्रोत्साहित किया जाए। हमारा फोकस बस यहीं रहेगा। राष्ट्रपति इस पर पहले भी बोल चुके हैं।”
जब पत्रकार ने ट्रंप को संभावित नोबेल शांति पुरस्कार का दावेदार बताया, तो पिगॉट ने कहा, “वो शांति के समर्थक हैं, वो एक डीलमेकर हैं। उन्होंने बार-बार दिखाया है कि वह अमेरिका फर्स्ट एजेंडा को आगे बढ़ाने के साथ-साथ दुनिया में शांति और संघर्षों के अंत के लिए प्रयासरत रहते हैं।”
पत्रकार ने आगे कहा, "भारत ने भारत-पाकिस्तान के बीच अमेरिकी मध्यस्थता के किसी भी प्रयास को खारिज किया है। ऐसे में आपको कितनी उम्मीद है कि आप भारत-पाकिस्तान को बातचीत की मेज पर ला सकते हैं?" इस पर फिर से अमेरिकी अधिकारी ने कहा, "मैं इस पर कोई अटकलें नहीं लगाऊंगा। हम दोनों देशों को सीधे बातचीत के लिए प्रोत्साहित करेंगे।"
इजरायली ड्रोन्स, ऑपरेशन सिंदूर और अब्राहम अकॉर्ड
इसके बाद पाकिस्तानी पत्रकार ने सवाल किया कि भारत द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर में इस्तेमाल किए गए इजरायली ड्रोन्स को लेकर अमेरिका की क्या राय है, खासकर तब जब राष्ट्रपति ट्रंप यहूदियों, मुस्लिमों और ईसाइयों को अब्राहम अकॉर्ड के जरिए एक मंच पर लाने की कोशिश कर रहे हैं। इस पर थॉमस पिगॉट ने फिर दोहराया कि अमेरिका इन मामलों में नहीं उलझना चाहता और केवल शांति बनाए रखने के प्रयासों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। उन्होंने कहा, “राष्ट्रपति एक डीलमेकर हैं, एक पीसमेकर हैं, लेकिन इससे आगे हम इस मुद्दे पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।”
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