Trump administration says legal setback on Tariff can put India Pakistan ceasefire at risk टैरिफ जरूरी, वरना टूट सकता है भारत-पाक सीजफायर; ट्रंप सरकार का अमेरिकी कोर्ट में दावा, International Hindi News - Hindustan
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टैरिफ जरूरी, वरना टूट सकता है भारत-पाक सीजफायर; ट्रंप सरकार का अमेरिकी कोर्ट में दावा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और पाकिस्तान के बीच बने युद्ध जैसे हालातों के बाद पहली बार संघर्ष विराम की घोषणा की थी। इसके बाद से ट्रंप ने कई बार इसका श्रेय लेने की कोशिश की है। हालांकि भारत ने इन दावों को खारिज किया है।

Jagriti Kumari लाइव हिन्दुस्तानWed, 28 May 2025 06:47 PM
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टैरिफ जरूरी, वरना टूट सकता है भारत-पाक सीजफायर; ट्रंप सरकार का अमेरिकी कोर्ट में दावा

टैरिफ को लेकर एक अमेरिकी कोर्ट में चल रहे मुकदमे की सुनवाई के दौरान डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने अजब-गजब दावा किया है। ट्रंप प्रशासन ने दावा किया है कि अगर कोर्ट ने सरकार की टैरिफ लगाने की शक्तियों को सीमित किया, तो भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ सीजफायर टूट सकता है। बता दें कि ट्रंप सरकार कोर्ट में दुनिया की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाओं पर व्यापक टैक्स लगाने के अपने हालिया फैसले का बचाव कर रही थी।

इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी एक रिपोर्ट में अदालती दस्तावेजों का हवाला देते हुए बताया कि टैरिफ लगाने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा आपातकालीन शक्तियों के उपयोग का बचाव करते हुए ट्रंप प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों ने पिछले हफ्ते यूएस कोर्ट ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड से कहा कि ट्रंप की इन टैरिफ शक्तियों को सीमित करने से अमेरिका के व्यापार सौदों को नुकसान होगा। इस दौरान अधिकारियों ने यह भी कहा कि टैरिफ लगाने की शक्तियां कम करने से भारत और पाकिस्तान के बीच युद्धविराम खतरे में पड़ जाएगा।

कोर्ट में क्या बोला ट्रंप प्रशासन

बता दें कि अमेरिका में छोटे व्यवसाय करने वाले कुछ व्यापारियों ने ट्रंप प्रशासन के खिलाफ यह मुकदमा दायर किया है। याचिका के मुताबिक ट्रंप के इस फैसले से वैश्विक व्यापार पर व्यापक प्रभाव पड़ सकता है। इस अपील को लेकर चल रही सुनवाई के दौरान अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक ने 23 मई को अदालत में अपने सबमिशन में कहा, “टैरिफ की शक्तियों को सीमित करने वाले फैसले का हर उस क्षेत्र पर असर होगा जिसमें आर्थिक साधनों का रणनीतिक प्रभाव के लिए इस्तेमाल किया जाता है। उदाहरण के लिए, भारत और पाकिस्तान, दो परमाणु शक्तियों के बीच, सिर्फ 13 दिन पहले ही युद्ध चल रहा था। 10 मई 2025 को दोनों देशों के बीच सीजफायर हुआ था। यह युद्ध विराम सिर्फ राष्ट्रपति ट्रंप के हस्तक्षेप के बाद ही हो पाया।”

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ट्रंप सरकार ने कहा कि दोनों देशों के बीच बड़े पैमाने पर युद्ध को टालने के लिए अमेरिका ने व्यापार ना करने की चेतावनी दी थी। यह भी कहा गया कि अदालत के इस निर्णय से पूरे क्षेत्र की सुरक्षा और लाखों लोगों का जीवन खतरे में पड़ सकता है।

सीजफायर पर ट्रंप का दावा भारत ने किया है खारिज

गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों को तबाह करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। इसके तहत भारत ने कई आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया था। इसके बाद पाकिस्तान ने भारत पर कायराना हमले शुरू कर दिए थे, जिसका भारत में मुंहतोड़ जवाब दिया। दोनों देशों के बीच बने युद्ध जैसे हालातो के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 10 मई को सीजफायर की घोषणा की। इसके बाद से ट्रंप ने कई बार सीजफायर का श्रेय लेने की कोशिश की है। हालांकि भारत की ओर से कई मौकों पर यह स्पष्ट किया गया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत के बाद ही युद्ध विराम समझौते पर सहमति बनी थी। भारत ने यह भी कहा है कि पाकिस्तान ने भारत से सीजफायर के लिए गुहार लगाया था, जिसके बाद ही यह समझौता हो सका।

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