two decisions of Netanyahu made trouble Major protests in Jerusalem over firing of Shin Bet chief, renewing Gaza war नेतन्याहू के ये दो फैसले बन गए गले की फांस, अब दो मोर्चों पर लड़नी पड़ रही जंग; PM हाउस तक आंच, International Hindi News - Hindustan
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नेतन्याहू के ये दो फैसले बन गए गले की फांस, अब दो मोर्चों पर लड़नी पड़ रही जंग; PM हाउस तक आंच

हमास के चंगुल से बंधकों की रिहाई नहीं करा पाने की वजह से इजरायली नागरिक पहले से ही नेतन्याहू से नाराज है लेकिन अब गाजा में दोबारा युद्ध छेड़ने, शिन बेट प्रमुख को हटाने से और भड़क गए हैं।

Pramod Praveen लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीThu, 20 March 2025 05:07 PM
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नेतन्याहू के ये दो फैसले बन गए गले की फांस, अब दो मोर्चों पर लड़नी पड़ रही जंग; PM हाउस तक आंच

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इस वक्त दो मोर्चों पर उलझे हुए हैं। पहला मोर्चा गाजा है, जहां उन्होंने तीन दिन पहले एकतरफा युद्धविराम का उल्लंघन कर गाजा में फिर से हवाई हमले तेज कर दिए हैं। हमास द्वारा बंधकों की रिहाई से इनकार किए जाने के बाद नेतन्याहू ने मंगलवार से गाजा पट्टी पर कहर बरपाने का आदेश इजरायली सुरक्षा बलों को दिया है, जिसमें अब तक 436 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें 183 बच्चे हैं। पिछले 24 घंटों में ही 71 मौतें हुई हैं।

जिस दूसरे मोर्चे पर नेतन्याहू को दो-दो हाथ करना पड़ रहा है, वह आंतरिक है। पिछले दो दिनों से इजरायली नागरिक नेतन्याहू के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। बुधवार की सुबह भी हजारों प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनकी सरकार के खिलाफ यरुशलम में मार्च निकाला। दरअसल, इजरायली नागरिक पीएम नेतन्याहू के उस कदम से भड़के हुए हैं, जिसके तहत उन्होंने शिन बेट के प्रमुख रोनेन बार और अटॉर्नी जनरल गली बहाराव-मियारा को हटाने का फैसला किया है।

इजरायली नागरिक क्यों नाराज

इजरायली नागरिक हमास के चंगुल से बंधकों की रिहाई नहीं करा पाने की वजह से पहले से ही नेतन्याहू से नाराज है लेकिन अब गाजा में दोबारा युद्ध छेड़ने, शिन बेट प्रमुख को हटाने, न्यायिक अधिकारियों को हटाने और न्यायपालिका पर राजनीतिक वर्चस्व बढ़ाने वाले विवादास्पद कानून को नवीनीकृत करने के प्रयासों से और भड़क गए हैं। टाइम्स ऑफ इजरायल की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को सरकार विरोधी रैली के दौरान और रात तक जारी रहे विरोध-प्रदर्शनों में कम से कम 12 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

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प्रदर्शन की वजह से येरुशलम में हालात ऐसे हो गए कि पुलिस को उग्र भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल करना पड़ा है। कई जगहों पर पुलिस और प्रदर्शनकारियों में भिड़ंत की भी खबरे हैं। प्रदर्शनकारियों का जत्था प्रधानमंत्री के गैर सरकारी आवास तक जा पहुंचा, जहां पुलिस को उन्हें हटाने के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ी। कई जगह तोड़फोड़ और आगजनी की भी खबरें हैं। कई जगह सैकड़ों लोगों द्वारा सड़क जाम करने की भी खबरें आई हैं।

हिटलर से नेतन्याहू की तुलना

प्रदर्शनकारियों ने सड़क और फुटपाथ दोनों जाम कर दिया और वहीं धरने पर बैठ गए। इससे येरुशेलम जाने वाला रास्ता जाम हो गया। ये सभी प्रदर्शनकारी शेष बंधकों को रिहाई के लिए हमास से नए सिरे से समझौता करने की मांग और सरकार द्वारा हटाए गए शीर्ष अधिकारियों के कदम के खिलाफ नारेबाजी करते दिखे। कई प्रदर्शनकारियों ने युद्ध को समाप्त करने के नारे लगाते हुए तख्तियाँ पकड़ी हुई थीं, जबकि कई लोग नेतन्याहू की सरकार के खिलाफ विद्रोह के रूप में रिजर्व सैनिकों से सेना में सेवा करने से इनकार करने का आह्वान करते हुए तख्तियाँ पकड़ी हुई थीं। नेतन्याहू के निजी घर के बाहर आगजनी के बाद एक भाषण के दौरान, प्रदर्शनकारी नेता मोशे रैडमैन ने सरकार की तुलना नाजी नेता एडोल्फ हिटलर और यहूदी लोगों के अन्य कट्टर दुश्मनों से भी की।

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