9 लाख अवैध प्रवासी; किन पर छापेमारी हुई तो अमेरिका में मचा बवाल, सेना तक तैनात
यहां बड़े पैमाने पर अमेरिका के धनकुबेर रहते हैं तो वहीं टेक सेक्टर समेत कई उद्योगों में काम करने वाले प्रवासी भी रहते हैं। यहां की फैक्ट्रियों से लेकर टेक कंपनियों तक में योगदान देने वालों में ज्यादातर गैर-अमेरिकी हैं। US की अर्थव्यवस्था में इनका बड़ा योगदान है तो यहां उनके सपनों को भी पंख लगे हैं।

दुनिया के धनकुबेरों का अड्डा कहे जाने वाले लॉस एंजिलिस में इन दिनों में विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। इन पर काबू पाने के लिए डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने बड़े पैमाने पर फोर्स तैनात कर दी है। लॉस एंजिलिस काउंटी का इलाका साउथ कैलिफॉर्निया के 4000 वर्ग मील में बसा हुआ है। यहां बड़े पैमाने पर अमेरिका के धनकुबेर रहते हैं तो वहीं टेक सेक्टर समेत कई उद्योगों में काम करने वाले प्रवासी भी रहते हैं। यहां की फैक्ट्रियों से लेकर टेक कंपनियों तक में योगदान देने वाले इन लोगों में ज्यादातर लोग गैर-अमेरिकी हैं। अमेरिका की अर्थव्यवस्था में इनका बड़ा योगदान है तो यहां उनके सपनों को भी पंख लगे हैं।
अब डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की इन लोगों पर टेढ़ी नजर है और उन्हें अवैध प्रवासी बताते हुए रेड मारी जा रही हैं। इसी के चलते विवाद की स्थिति है और हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतरकर डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। लॉस एंजिलिस शहर में ही हॉलीवुड भी है। इसके अलावा पॉश इलाका बेवरली हिल्स भी यहीं है। इस शहर में करीब एक करोड़ लोग बसे हुए हैं, जो कैलिफॉर्निया की आबादी का 27 फीसदी हिस्सा है। इनमें भी एक तिहाई लोग ऐसे हैं, जो किसी और देश में पैदा हुए थे, लेकिन बाद में आकर अमेरिका में बसे हैं।
दरअसल विवाद इस बात को लेकर है कि लॉस एंजिलिस में करीब 9 लाख प्रवासी ऐसे हैं, जिनके पास उचित दस्तावेज नहीं है। इनके पास जरूरी दस्तावेजों की कमी होने से इन्हें बाहर निकालने का खतरा है। एक अनुमान के अनुसार लॉस एंजिलिस में रहने वाले हर परिवार में किसी एक सदस्य के पास जरूरी दस्तावेजों की कमी है। इन लोगों में ज्यादातर संख्या लैटिन्स की है। यही नहीं बड़ी आबादी यहां ऐसी है, जो घर में अंग्रेजी में बात नहीं करती। इसके अलावा ये लोग स्पेनिश आदि भाषाएं बोलते हैं।
अब सवाल यह है कि अचानक ही डोनाल्ड ट्रंप सरकार के खिलाफ तीव्र प्रदर्शन कैसे शुरू हो गए। इसकी वजह है कि शुक्रवार को अमेरिका के इमिग्रेशन ऐंड कस्टम्स एनफोर्समेंट के अधिकारियों ने शहर के कई इलाकों में रेड मारी। यह रेड ऐसे इलाकों में ज्यादा मारी गईं, जहां लैटिन मूल के लोगों की आबादी अधिक है। यही नहीं छापामार ऐक्शन के दौरान दर्जनों लोगों को अरेस्ट भी कर लिया गया। इन गिरफ्तारियों के दौरान स्थानीय लोगों ने कानूनी टीम पर अंडे फेंके और घेराबंदी भी की।
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