फेसबुक पर आतंकियों के समर्थन में लिखना पड़ेगा महंगा, अमेरिका नहीं देगा VISA; ग्रीन कार्ड भी होगा रद्द
- हमास, हिजबुल्लाह और हूती विद्रोही के प्रति सहानुभूति रखने वालों पर विशेष नजर रखी जाएगी। आपको बता दें कि इन संगठनों को अमेरिकी सरकार पहले ही आतंकी संगठन घोषित कर चुकी है।

अब अमेरिका में वीजा (VISA) या स्थायी निवास (ग्रीन कार्ड) प्राप्त करने के इच्छुक लोगों को सोशल मीडिया पर की गई हर पोस्ट का विशेष ध्यान रखना होगा। अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (USCIS) ने आधिकारिक रूप से यह घोषणा की है कि जो भी व्यक्ति सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यहूदियों के विरोध में लिखता है तो उसे वीजा या ग्रीन कार्ड देने से इनकार किया जा सकता है या पहले से जारी वीजा को रद्द किया जा सकता है।
USCIS की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वे अब उन सोशल मीडिया अकाउंट्स की समीक्षा करेंगे जिन पर ऐसे विचार साझा किए जाते हैं जो अमेरिकी सरकार द्वारा आतंकी संगठन घोषित समूहों के समर्थन में हों।
हमास, हिजबुल्लाह और हूती विद्रोही के प्रति सहानुभूति रखने वालों पर विशेष नजर रखी जाएगी। आपको बता दें कि इन संगठनों को अमेरिकी सरकार पहले ही आतंकी संगठन घोषित कर चुकी है।
बयान में कहा गया है, "हम सोशल मीडिया कंटेंट को उस स्थिति में नकारात्मक मानेंगे जब कोई विदेशी व्यक्ति यहूदी विरोधी आतंकवाद, यहूदी विरोधी आतंकी संगठनों या अन्य यहूदी विरोधी गतिविधियों का समर्थन करता हुआ पाया जाता है।"
आतंकी समर्थकों के लिए अमेरिका में कोई जगह नहीं
डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) की असिस्टेंट सेक्रेटरी फॉर पब्लिक अफेयर्स ट्रिसिया मैकलॉफलिन ने कहा, "दुनिया भर के आतंकी समर्थकों के लिए अमेरिका में कोई जगह नहीं है। हमारे ऊपर कोई जिम्मेदारी नहीं है कि हम उन्हें देश में आने दें या यहां रहने दें।"
छात्र वीजा और ग्रीन कार्ड पर असर
USCIS की यह नई नीति तत्काल प्रभाव से लागू हो चुकी है। इसका असर उन सभी मामलों पर पड़ेगा जिनमें स्टूडेंट वीजा (F-1, J-1 आदि), ग्रीन कार्ड आवेदन, वर्क परमिट और वीजा विस्तार शामिल हैं।
300 से अधिक विदेशी छात्रों के वीजा रद्द
यह नीति ऐसे समय में लागू की गई है जब बीते कुछ हफ्तों में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने खुद यह बताया कि उन्होंने 300 से अधिक लोगों के वीजा रद्द किए हैं। रुबियो ने कहा, "अमेरिकी नागरिकों और गैर-नागरिकों के अधिकारों में फर्क होता है। वीजा देना या ना देना न्यायालय का नहीं बल्कि मेरा विशेषाधिकार है।"
क्या है इसका असर?
इस नई नीति के चलते अब आव्रजन के इच्छुक लोगों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके सोशल मीडिया पोस्ट किसी आतंकी संगठन के समर्थन में न हों और वे किसी भी प्रकार की यहूदी विरोधी भावना न रखें। इससे अमेरिका में वीजा प्राप्त करना पहले की तुलना में कहीं अधिक जटिल और सख्त प्रक्रिया बन चुकी है।
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