Protests Erupt Against Ichha Kharkai Dam Resumption in Jharkhand-Orissa Border झारखंड-उड़ीसा सीमावर्ती क्षेत्रों में ईचा डैम के पुनःनिर्माण से आक्रोश,भरी हुंकार, Chaibasa Hindi News - Hindustan
Hindi NewsJharkhand NewsChaibasa NewsProtests Erupt Against Ichha Kharkai Dam Resumption in Jharkhand-Orissa Border

झारखंड-उड़ीसा सीमावर्ती क्षेत्रों में ईचा डैम के पुनःनिर्माण से आक्रोश,भरी हुंकार

झारखंड-उड़ीसा सीमा पर तिरिंग प्रखण्ड के रामबेड़ा गांव में ईचा खरकई बांध के पुनर्निर्माण का विरोध करने के लिए जनसभा आयोजित की गई। ग्रामीणों ने विस्थापन के डर से एकजुट होकर आंदोलन का संकल्प लिया। संघ के...

Newswrap हिन्दुस्तान, चाईबासाSun, 1 June 2025 05:07 PM
share Share
Follow Us on
झारखंड-उड़ीसा सीमावर्ती क्षेत्रों में ईचा डैम के पुनःनिर्माण से आक्रोश,भरी हुंकार

चाईबासा। झारखंड-उड़ीसा सीमावर्ती क्षेत्र अंतर्गत तिरिंग प्रखण्ड के ग्राम रामबेड़ा में ईचा खरकई बांध विरोधी संघ कोल्हान की जनसभा आयोजित की गई। जिसकी अध्यक्षता समाजसेवी कालीचरण कालुंडिया ने की। जनसभा में रामबेड़ा, मुड़द:,चिपीडीह, लंडुवा, कुलूगुटु, देवग़म, मंगुवा, तुरीबासा और विजयबासा के प्रभावित ग्रामीण एकत्रित हुए थे। झारखंड जनजातीय परामर्शदातृ परिषद के द्वारा ईचा डैम पुनः निर्माण के प्रस्ताव व सहमति के विरोध में जनसभा आयोजित हुई। जिसकी अध्यक्षता ग्राम प्रधान महावीर महतो ने की। बैठक में ग्रामीणों ने एक स्वर में आक्रोश जताते हुए टीएसी द्वारा लिए गए निर्णय का विरोध किया। विस्थापन के डर अब प्रभावित ग्रामीण एकजुट होकर फिर से आंदोलन की हुंकार भर चुके हैं।

संघ विगत कई वर्षों से 126 गांव में जनसंपर्क अभियान चला कर एक मुहिम छेड़ रखी है। ईचा डैम को फिर से शुरू करने के प्रस्ताव से ग्रामीणों में काफी आक्रोश दिखे। जनसभा को संबोधित करते हुए संघ के अध्यक्ष बिर सिंह बिरुली ने आह्वान किया कि यदि हम सब एकजुट रहे तो हेमंत सरकार तो क्या कोई भी सरकार विस्थापित नहीं कर सकती है। हेमंत सोरेन सुप्रीम कोर्ट और हाईं कोर्ट का आदेश का पालन नहीं करती। हवाला देते हैं कि आदिवासी हित में यह निर्णय लिया जा रहा है। इसके रद्द होने से खरकई बराज से रबी की फसल की सिंचाई नहीं हो पाएगी। जब कि आदिवासी हित के नाम पर ईचा डैम का पानी रूंगटा स्टील को देने की तैयारी चल रही है। अब हमें डरने की नहीं डाटने कि जरूरत है।जनजातीय परामर्शदातृ परिषद ने अक्टूबर 2014 में उपसमिति ने अपनी रिपोर्ट में परियोजना को रद्द करने और रैयतों को उनकी जमीन वापस करने की अनुशंसा की थी। मार्च 2020 में हेमंत सरकार ने 87 गांव के आंदोलन के सामने मजबूर होकर डैम को स्थगित कर चुकी है। अब स्वरूप बदलकर 87 गांव के जगह 18 गांव जलमग्न होने की बात करते हैं। यह सरासर आदिवासी मूलवासियों को छलने की साजिश है। जनसभा को रेयांश समड ने भी संबोधित करते हुए कहा कि आपसी एकता ही इस विस्थापन और विनाश से बचा सकती। उड़ीसा मयूरभंज अंतर्गत बहाल्ड: के विधायक आवास का घेराव कर अपनी बातों से अवगत कराया जाएगा। ताकि उड़ीसा टीए.lसी में भी हमारी आवाज पहुंच सके। ईचा खरकई बांध विरोधी संघ कोल्हान लगातार विस्थापितों के हित में संघर्ष कर रही है। जनसभा में ग्राम कुलुगुटु ,डोकोडीह, चिपिडीह, देवगम, महुआ, तुरीबासा, विजयबासा मुंडा व प्रभावित ग्रामीण सहित संघ के गुलिया कालुंडिया,बिरसा गोडसोरा, रॉबिन अल्डा,श्याम कुदादा, कृष्ण बानरा,पन्नालाल समड,घनश्याम समड,चैतन्य बास्के आदि उपस्थित थे।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।