मंत्री की मौजूदगी में एकलव्य विद्यालय के निर्माण का ग्रामीणों ने किया विरोध
चाईबासा के ग्राम आचू में ग्रामीणों ने एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के निर्माण का विरोध किया है। ग्रामीणों का कहना है कि जिस भूमि पर विद्यालय बनना है, वह पहले से ही उनके कब्जे में है। विधायक दीपक...

चाईबासा, संवाददाता। पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय के सदर अंचल अंतर्गत ग्राम आचू में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय निर्माण का ग्रामीणों ने विरोध किया है। रविवार को अचंल कार्यालय के आदेश के बाद ग्राम सभा का आयोजन किया गया। ग्राम आचू में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय निर्माण के लिए खाता संख्या 1, प्लाट संख्या 1082 एवं 1089 का रकवा कुल 13.23 एकड़ भूमि आवंटित किया गया है। बैठक में अंचल कार्यालय द्वारा सबंधित सभी भूमि का मूल परवाना, ट्रेस नक्शा एवं अद्यतन लगान रसीद के साथ उपस्थित थे। बैठक में ग्रामीण मुंडा नाजीर सोय, प्रभारी मुंडा परगना सोय, अंचल अमीन, कर्मचारी, अंचल अधिकारी, ग्रामीण सहित चाईबासा के विधायक सह मंत्री दीपक बिरूवा भी उपस्थित थे।
सदर अंचल अधिकारी उपेद्र कुमार ने बताया कि सदर अंचल के आचु गांव में एकलव्य आवासीय स्कूल निर्माण के लिए जमीन चिह्नित किया गया है। निर्माण कार्य शुरू होने वाली है। संवेदक द्वारा सामग्री भी योजना स्थल पर गिराना शुरू कर दिया गया है। चिह्नित भूमि पर स्कूल निर्माण का ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि उक्त स्थान पर उन्हें बन्दोबस्ती दिया गया है। लेकिन जांच के क्रम में पाया गया है कि सिर्फ 5 लोगों को ही बंदोबस्ती का पक्का परवाना दिया गया है। लोगों को बताया जा रहा है कि बंदोबस्ती का प्रमाण प्रस्तुत करें। यदि चयनित भूमि के आसपास सरकारी भूमि होगी तो बंदोबस्ती प्राप्त लोगों को दूसरे जगह पर बंदोबस्ती पुन: किया जाएगा। पूर्व में दो बार ग्राम सभा हो चुका है। ग्रामीण मोहन महाली ने बताया वे लोग स्कूल के विरोधी नहीं हैं। स्कूल बनना चाहिए लेकिन जिस जमीन में स्कूल निर्माण होना है वहां की बंदोबस्ती ग्रामीणों को पूर्व में ही मिल चुकी है। इसके अलावा गांव वालों को मकान बनाने युक्त गांव में कहीं भी जमीन नहीं है। ऐसी स्थिती में वे कहां जाए। ग्रामीणों ने सीओ से अनुरोध किया कि उन्हें नोटिस करना बंद करें। स्कूल दूसरे जगह बनाएं। यदि जोर जबरजस्ती से स्कूल बनाया जाएगा तो सभी ग्रामीण सदर अंचल में रहने के लिए जाएंगे। सोमवरी तांती ने बताया कि वे लोग नहीं चाहते हैं कि उक्त चिह्नित जगह में स्कूल बने। ग्रामीणों के पास भूमि की काफी कमी है। स्कूल के बादले उक्त जगह पर और लोगों की भी बंदोबस्ती दिया जाता तो ज्यादा अच्छा होता। शव दफनाने के लिए जगह भी नहीं है। शव को वर्तमान में नदी किनारे दफनाया जा रहा है। बारिश में पानी के बाहव से मिट्टी से शव बाहर आ जाता है, जो पूर्वजों को अपमानित करने जैसा है। उक्त भूमि में आदिकाल से पूजा पाठ होता आया है जैसे हेरो पूजा, बहा परब, जोनामा परब, नागे सुड, सरना स्थल से प्रचलित है। बैठक में चाईबासा के विधायक सह मंत्री दीपक बिरूवा ने कहा कि ग्रामीणों की मांग और विचार को सर्वोपरी रखा जाएगा। जिन ग्रामीणों को बंदोबस्ती प्राप्त है वे अपने बंदोबस्ती प्रमाण पत्र के साथ दावा करें।
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