बंदगांव में सक्रिय है एक लाख के इनामी सामु का दस्ता
पश्चिमी सिंहभूम जिले में फैले पोड़ाहाट जंगल में वर्चस्व दो नक्सली संगठन सीपीआई(माओवादी) और उग्रादी संगठन पीएलएफआई उग्रवादियों के

पोड़ाहाट जंगल में सीपीआई (माओवादी) और पीएलएफआई के बीच होता रहा है खूनी संघर्ष उग्रवादी परबेल सांडी पूर्ति और आशित तांती के शव को पुलिस ने परिजनों को सौंपा
चक्रधरपुर, संवाददाता
पश्चिमी सिंहभूम जिले में फैले पोड़ाहाट जंगल में दो नक्सली संगठन सीपीआई (माओवादी) और उग्रादी संगठन पीएलएफआई के बीच वर्चस्व को लेकर खूनी संघर्ष होता रहा है। बंदगांव थाना क्षेत्र के फुलझरी इलाके में पीएलएफआई के दो उग्रवादी परबेल सांडी पूर्ति और आशित तांती हत्याकांड ने लंबे समय से शांत पड़े पीएलएफआई संगठन को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया है।
जानकारों की मानें तो पश्चिमी सिंहभूम और खूंटी जिले के सीमावर्ती बंदगांव सहित आसपास सामुएल बुढ़ उर्फ सामु का दस्ता सक्रिय है और उसपर झारखंड सरकार द्वारा एक लाख का इनाम रखा गया है। इधर, पुलिस वर्चस्व की लड़ाई में मारे गए दो पीएलएफआई उग्रवादी परबेल सांडी पूर्ति और आशित तांती के शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया।
दिनेश गोप की गिरफ्तारी के बाद मार्टिन केरकेट्टा संभाल रहा कमान
जानकारों की मानें तो वर्ष 2003 में खूंटी जिले के दिनेश गोप ने जेएलटी संगठन बनाया था, लेकिन वर्ष 2007 में पीएलएफआई संगठन में तब्दील कर दिया। मई 2023 में पीएलएफआई सुप्रीमो सह 25 लाख के इनामी दिनेश गोप की गिरफ्तारी के बाद संगठन कमजोर हो गया था। जानकारों की मानें तो दिनेश गोप की गिरफ्तारी के बाद मार्टिन केरकेट्टा पीएलएफआई की कमान संभाल रहा है। उसपर झारखंड सरकार ने 15 लाख का इनाम रखा है। मार्टिन केरकेट्टा ही पोड़ाहाट जंगल में एक बार फिर संगठन को खड़ा करने के लिए सक्रिय है। एक दशक में सुरक्षा बलों ने पोड़ाहाट जंगल में सक्रिय कई पीएलएफआई उग्रवादियों को ढेर किया है। इसमें लाला पाहन, शनिचर सुरीन, राडंग बोदरा, मंगरा लुगून, जिदन गुड़िया आदि शामिल हैं।
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