देवघर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की आमसभा व चुनाव 6 को
देवघर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन की आमसभा-सह-चुनाव 6 जुलाई को होगी। मतदान बैद्यनाथ गार्डन में सुबह 10:30 से 4 बजे तक चलेगा। केवल उन सदस्यों को भाग लेने की अनुमति होगी जिनका ड्रग लाइसेंस 6 जनवरी...

देवघर, प्रतिनिधि देवघर केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन के पंजीकृत सदस्यों के लिए एक महत्वपूर्ण सूचना जारी की गई है। संगठन की आमसभा-सह-चुनाव 6 जुलाई रविवार को किया जाएगा। चुनाव बैद्यनाथ गार्डन, बंपास टाउन, देवघर में पूर्वाह्न 10:30 से अपराह्न 4 बजे तक होगा। मतदान समापन के पश्चात संध्या 5 बजे चुनाव परिणामों की घोषणा कर दी जाएगी। आमसभा-सह-चुनाव कुल 21 पदों के लिए प्रक्रिया संपन्न होगी। उनमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव, संगठन सचिव, कोषाध्यक्ष जैसे 6 प्रमुख पदों का चुनाव होगा। इसके अतिरिक्त, 15 मनोनीत कार्यकारिणी सदस्य भी चुने जाएंगे। नव-निर्वाचित समिति का कार्यकाल 1 अप्रैल 2025 से 31 मार्च 2028 तक निर्धारित होगा।
केवल पात्र सदस्य ही होंगे शामिल : चुनाव को लेकर जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार, केवल वह सदस्य ही मतदान और नामांकन में भाग ले सकेंगे, जिनका ड्रग लाइसेंस 6 जनवरी 2025 तक वैध है अथवा जिसका नवीकरण नियमानुसार प्रक्रिया में है। यदि किसी सदस्य का लाइसेंस 6 जनवरी 2025 से पहले समाप्त हो गया है और नवीकरण नहीं कराया गया है, तो ऐसे सदस्य चुनाव में भाग लेने के अयोग्य माने जाएंगे। उम्मीदवारों के लिए जरूरी योग्यता : चुनाव में नामांकन करने वाले सदस्य का पिछले कार्यकाल में एक बार कार्यकारिणी सदस्य रहना अनिवार्य किया गया है। यह शर्त संगठन के कार्यानुभव और नेतृत्व क्षमता को ध्यान में रखते हुए लागू की गई है। केवल पंजीकृत सदस्यों को ही मिलेगा प्रवेश : मतदान स्थल बैद्यनाथ गार्डन में केवल पंजीकृत सदस्यों को ही प्रवेश और मतदान का अधिकार प्राप्त होगा। चुनाव से संबंधित किसी भी प्रकार की शिकायत लिखित रूप में चुनाव अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत की जा सकती है, परंतु उनके निर्णय को चुनौती नहीं दी जा सकेगी। चुनाव प्रक्रिया के दिशा-निर्देश : चुनाव की प्रक्रिया झारखंड केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन, रांची द्वारा अनुमोदित मॉडल संविधान के तहत पूरी पारदर्शिता और नियमबद्ध ढंग से होगा। चुनाव अधिकारी का निर्णय अंतिम और बाध्यकारी होगा। किसी भी प्रकार की विशेष परिस्थिति में संगठन के हित और आर्थिक दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए चुनाव अधिकारियों को नियमों में उचित संशोधन करने का अधिकार प्राप्त होगा। चुनाव प्रक्रिया की निगरानी राज्य संगठन द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षकों की देखरेख में की जाएगी, जिससे निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
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