आरोपी को ढाई साल का कारावास व जुर्माना
देवघर के न्यायालय ने दहेज प्रताड़ना मामले में पति मो. राशीद को दोषी ठहराते हुए ढाई साल कारावास और 500 रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। विवाहिता से 5 लाख रुपये और चार पहिया वाहन की मांग की गई थी। मामले में...

देवघर,प्रतिनिधि। दहेज के लिए प्रताड़ना से संबंधित एक मामले में पूरी सुनवाई के बाद देवघर के प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी बंकिम चन्द चटर्जी की अदालत ने आरोपी पति को दोषी पाया। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार परिवाद संख्या 373/2021 के इस मामले में आरोपी अभियुक्त मो. राशीद को भारतीय दंड विधान की धारा 498 ए के तहत ढाई वर्ष कारावास की सजा सहित पांच सौ रुपये जुर्माने की सजा सुनायी गयी। फैसले के अनुसार जुर्माना राशि अदा नहीं करने पर अभियुक्त को एक माह अतिरिक्त कारावास का दंड भोगना होगा। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार मामले के एक आरोपी अकबरी खातून की मृत्यु मामले के विचारण के दौरान ही हो चुकी है।
दो अन्य आरोपी मो. जावेद एवं मो.आबिद शेख को न्यायालय ने रिहा करने का निर्णय सुनाया। सभी आरोपी पश्चिम बंगाल के आसनसोल वर्द्धमान अन्तर्गत हट्टन रोड (वर्त्तमान निवासी कुमुदिनी घोष रोड, देवघर)के निवासी हैं। आरोप के अनुसार आरोपी मो. राशीद का निकाह निशरत जहां के साथ वर्ष 2009 ई0 में मुस्लिम रीति-रिवाज से हुआ था। बाद में विवाहिता से दहेज के रुप में पांच लाख रुपये नकद व चारपहिया वाहन की मांग की जाने लगी। मांग पूरी नहीं करने पर विवाहिता को बच्चों समेत घर से निकाल दिया गया। मामले में चार गवाह परिवादिनी की ओर से न्यायालय में प्रस्तुत किए गए। गवाहों के परीक्षण/प्रतिपरीक्षण एवं उभय पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद विद्वान न्यायाधीश बी सी चटर्जी ने आरोपितों को दोषी पाकर उपरोक्त सजा सुनाई।
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