Rahu gochar kumbh rashi 18 may 2025 how rahu affect mesh Rashi know from your kundali rashifal Rahu ketu gochar 2025: राहु का शनि की कुंभ राशि में जाना मेष पर क्या करेगा असर, कुंडली के अनुसार बता रहे हैं ज्योतिर्विद, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
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Rahu ketu gochar 2025: राहु का शनि की कुंभ राशि में जाना मेष पर क्या करेगा असर, कुंडली के अनुसार बता रहे हैं ज्योतिर्विद

Rahu gochar kumbh rashi: 18 मई 2025 दिन रविवार को राहु और केतु का राशि परिवर्तन गोचरिया दृष्टिकोण से होने जा रहा है। राहु और केतु सदैव वक्री गति से संचरण करने वाले ग्रह हैं। इस कारण से वक्र गति से राहु का गोचर कुंभ राशि में होगा तथा केतु का गोचर कन्या राशि से सिंह राशि में होगा।

Anuradha Pandey लाइव हिन्दुस्तानFri, 16 May 2025 09:59 AM
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Rahu ketu gochar 2025: राहु का शनि की कुंभ राशि में जाना मेष पर क्या करेगा असर, कुंडली के अनुसार बता रहे हैं ज्योतिर्विद

Rahu gochar kumbh rashi: 18 मई 2025 दिन रविवार को राहु और केतु का राशि परिवर्तन गोचरिया दृष्टिकोण से होने जा रहा है। राहु और केतु सदैव वक्री गति से संचरण करने वाले ग्रह हैं। इस कारण से वक्र गति से राहु का गोचर कुंभ राशि में होगा और केतु का गोचर कन्या राशि से सिंह राशि में होगा। दोनों ग्रहों का संयुक्त प्रभाव सभी जातक के कुंडलियों में दिखाई देता है। राहु को तीव्रता का कारक ग्रह माना जाता है। राहु को विच्छेदक ग्रह माना जाता है। राहु को छाया ग्रह माना जाता है। तथा राहु को आकस्मिकता का कारक ग्रह माना जाता है। इस कारण से जब राहु के राशि में परिवर्तन होगा तो उसका व्यापक प्रभाव सकारात्मक या नकारात्मक रूप से अवश्य दिखाई देगा। राहु एक राशि में लगभग 18 महीने तक रहकर अपना प्रभाव स्थापित करता है। 18 मई 2025 को परिवर्तित होकर के 5 दिसंबर 2026 तक अपना प्रभाव स्थापित करेगा।

इसी क्रम में मेष राशि के लिए मेष लग्न के लिए दोनों ही ग्रह सकारात्मक प्रभाव स्थापित करेंगे क्योंकि राहु का गोचर एकादश भाव में होगा तो केतु का गोचर पंचम भाव सिंह राशि में होगा। राहु के प्रभाव से आकस्मिक रूप से धन लाभ होगा। व्यापारिक विस्तार होगा। आय के संसाधनों में वृद्धि होगी। पैतृक संपत्ति का लाभ प्राप्त होगा। शेयर या सट्टा बाजार से अचानक धन लाभ की स्थिति बन सकती है। पराक्रम में वृद्धि, पुरुषार्थ में वृद्धि, सामाजिक दायरे में वृद्धि, सामाजिक पद प्रतिष्ठा में परिवर्तन की स्थिति बनेगी। कार्यस्थल में परिवर्तन का योग बनेगा तथा दांपत्य जीवन को लेकर तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। जीवनसाथी के स्वास्थ्य पर खर्च बढ़ सकता है। साझेदारी के कार्यों में अवरोध की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। भाई बहनों तथा मित्रों को लेकर के सामान्य तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। कंधे कमर का दर्द प्रभावित कर सकता है। केतु के प्रभाव से विद्या में परिवर्तन, अध्ययन अध्यापन के स्वरूप में परिवर्तन, प्रतियोगी क्षेत्र से जुड़े लोगो को विषय परिवर्तन की स्थिति बनती दिखाई देगी। कार्यों में भाग्य का साथ प्राप्त होगा। पिता का सहयोग सानिध्य प्राप्त होगा। मानसिक तीव्रता में वृद्धि होगी और स्थिरता में वृद्धि होगा।

कुंडली के अनुसार कैसे प्रभावित करेंगे राहु

अगर मूल कुंडली में राहु दूसरे, चौथे, आठवें एवं 12वें भाव में विद्यमान है तो यह परिवर्तन थोड़ा तनाव उत्पन्न करेगा। इसी प्रकार यदि राहु मूल कुंडली में लग्न भाव, पंचम भाव, सप्तम भाव अथवा नवम भाव में विद्यमान है तो राहु सामान्य रूप से सकारात्मक परिवर्तन प्रदान करेगा परंतु यदि मूल कुंडली में राहु तीसरे, छठवें, दशवे अथवा एकादश भाव में विद्यमान है तो निश्चित तौर पर यह परिवर्तन बहुत ही सकारात्मक परिवर्तन के रूप में फल प्रदान करेगा। जीवन में एक नई ऊंचाई नया परिवर्तन नए स्थापना नया व्यापार, नई नौकरी की स्थिति बनती हुई दिखाई देगी। यह परिवर्तन बहुत ही क्रांतिकारी सकारात्मक परिवर्तन होगी।