Sankashti Chaturthi: एकदंत संकष्टी चतुर्थी आज, यहां जानें पूजन मुहूर्त व चांद दिखने का समय
Ekdant Sankashti Chaturthi Chand Time: एकदंत संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की विशेष पूजा-अर्चना का विधान है। इस जिन व्रत करने वाले भक्त चंद्रमा की भी विधिवत पूजा करते हैं व अर्घ्य देते हैं। जानें एकदंत संकष्टी चतुर्थी पर चांद दिखने का समय-

Ekdant Sankashti Chaturthi 2025: हिंदू धर्म में संकष्टी चतुर्थी का विशेष महत्व है। चतुर्थी तिथि भगवान श्रीगणेश को समर्पित है। हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को एकदंत संकष्टी चतुर्थी व्रत रखा जाता है। इस साल एकदंत संकष्टी चतुर्थी 16 मई 2025, शुक्रवार को है। इस दिन भगवान श्रीगणेश की एकदंत रूप की पूजा-अर्चना की जाती है। भगवान एकदंत को भगवान गणेश के अष्टविनायक रूपों में से एक माना गया है। मान्यता है कि इस दिन शाम को चंद्रदेव को अर्घ्य देने के बाद व्रत पूर्ण होता है। जानें एकदंत संकष्टी चतुर्थी पूजन मुहूर्त व चांद निकलने का समय-
भगवान गणेश का कैसे पड़ा एकदंत नाम- एकदंत गणेश का शाब्दिक अर्थ है- एक दांत वाले गणेश जी। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान परशुराम ने अपने परशु से भगवान गणेश पर प्रहार किया था, तब उनका एक दांत टूट गया। तभी से उन्हें एकदंत कहा जाने लगा। एकदंत संकष्टी चतुर्थी के दिन भगवान श्रीगणेश की पूजा करना अत्यंत शुभ माना गया है।
संकष्टी चतुर्थी के दिन पूजन के बन रहे ये शुभ मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त-04:06 ए एम से 04:48 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 11:50 ए एम से 12:45 पी एम
विजय मुहूर्त- 02:34 पी एम से 03:28 पी एम
गोधूलि मुहूर्त- 07:04 पी एम से 07:25 पी एम
सायाह्न सन्ध्या- 07:06 पी एम से 08:08 पी एम
अमृत काल- 09:11 ए एम से 10:55 ए एम
एकदंत संकष्टी चतुर्थी व्रत तिथि व चंद्रोदय का समय- वैदिक पंचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि 16 मई 2025 को सुबह 04 बजकर 02 मिनट से 17 मई 2025 को सुबह 05 बजकर 13 मिनट तक रहेगी। संकष्टी के दिन चंद्रोदय रात 10 बजकर 39 मिनट पर होगा।
एकदंत संकष्टी चतुर्थी का महत्व: एकदंत संकष्टी चतुर्थी व्रत संतान के लिए किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीगणेश की इस दिन विधिवत पूजा करने से संतान की आयु लंबी होती है। संतान संबंधित कष्टों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि व खुशहाली आती है।