मानसून : अगले 4 दिनों तक भारी बारिश की संभावना
देवघर में अगले चार दिनों तक भारी बारिश की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, यह बारिश खरीफ फसलों के लिए लाभदायक होगी। किसानों को सलाह दी गई है कि वे अपनी जमीन तैयार करें और पानी के ठहराव से बचने...

देवघर, प्रतिनिधि। ग्रामीण कृषि मौसम सेवा कृषि विज्ञान केंद्र सुजानी देवघर एवं भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के सहयोग से जारी मौसम पुर्वानुमान के अनुसार जिले में अगले चार दिनों तक भारी बारिश होने की संभावना है। कृषि विज्ञान केन्द्र देवघर के मौसम वैज्ञानिक शॉओन चक्रवर्ती के अनुसार 17 जून 2025 से देवघर जिले में मानसून का प्रारंभ हो चुका है। इसके साथ ही अगले 5 दिनों तक भारी बारिश की उम्मीद की जा रही है। उन्होंने कहा कि खरीफ फसल लगाने के लिए यह बारिश बहुत ही लाभदायक है। इस समय किसानों को बिचड़ा गिराकर अपने खेत की तैयारी कर लेनी चाहिए।
कहा कि इस दौरान अधिकतम तापमान 28 से 29 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 24 से 25 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। इसके साथ ही अगले पांच दिनों के लिए हवा की गति 7 से 20 किलोमीटर प्रति घंटा रहने की संभावना है। उन्होंने कहा कि जिले में 17 जून को जिले में 10 एमएम बारिश हुई। जबकि जिले में 18 जून को 28 एमएम, 19 जून को 12 एमएम, 20 जून को 8 एमएम और 21 जून को 8 एमएम बारिश होने की संभावना है। किसानों को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि जिले के किसान खरीफ फसलों की खेती के लिए अपनी जमीन तैयार करें। साथ ही खेत में पानी के ठहराव से बचने के लिए उचित जल निकासी बनाए रखें। कृषि वैज्ञानिक ने मुख्य फसल के लिए दी सलाह : कृषि विज्ञान केंद्र सुजानी देवघर के वरीय वैज्ञानिक सह प्रमुख डॉ.राजन कुमार ओझा द्वारा खरीफ मौसम के मुख्य फसलों के लिए किसानों को आवश्यक सलाह दी गई है। उन्होंने किसानों को सलाह देते हुए कहा है कि अगात मूंग की तैयार फलियों को किसान तोड़ लें और फिर उन्हें भंडारित कर लें। पिछात बोयी गयी मूंग की फसल में पीला मोजैक रोग का निगरानी करें। बचाव के लिए इमिडाक्लोप्रीड दवा 0.3 मिलीलीटर प्रति लीटर पानी में घोलकर मौसम साफ होने पर प्रयोग करें। किसान धान की खेती के लिए अपनी नर्सरी तैयार करना शुरु कर दें। मौजूदा मौसम की स्थिति को ध्यान में रखते हुए किसान 30 जून तक सीधे बीज वाले धान की खेती के लिए समय पर बुवाई के लिए अपनी जमीन तैयार करें। भूमि की तैयारी के दौरान 2 टन प्रति एकड़ की दर से सड़ा हुआ गोबर का खाद डालना लाभदायक साबित होता है। खरीफ मक्का की खेती के लिए उन्नत किस्मों के बीजों का चयन करके बुवाई करें। अरहर की खेती के लिए अपनी जमीन तैयार करना शुरु कर दें। किसान अपने खेतों में रागी के बीज बोएं। 3-3.5 किलोग्राम प्रति एकड़ बीज दर सबसे उपयुक्त है। भिंडी में फल छेदक कीट की निगरानी करें। प्रबंधन के लिए एमामेकटिन बेंजोएट 3 ग्राम प्रति 10 लीटर पानी में घोलकर मौसम साफ होने पर प्रयोग करें। किसान पशुओं के चारे के लिए ज्वार, बाजरा और मक्का का फसल बोएं। पशुओं को खुरपका, मुंहपका, ब्लैक क्वार्टर, एचएस, पीपीआर जैसी बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण करवाएं।
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