Historic First Laparoscopic Surgery in Deoghar Government Hospital सदर अस्पताल में पहली बार लैप्रोस्कोपिक विधि से सफल ऑपरेशन, Deogarh Hindi News - Hindustan
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सदर अस्पताल में पहली बार लैप्रोस्कोपिक विधि से सफल ऑपरेशन

देवघर के सदर अस्पताल में पहली बार लैप्रोस्कोपिक सर्जरी सफलतापूर्वक की गई। इस चिकित्सा उपलब्धि से गरीब मरीजों को राहत मिलेगी। सर्जन डॉ. रवि कुमार और एनेस्थेटिस्ट डॉ. निताशा ने 47 वर्षीय गेंधारी देवी का...

Newswrap हिन्दुस्तान, देवघरSun, 15 June 2025 04:15 AM
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सदर अस्पताल में पहली बार लैप्रोस्कोपिक विधि से सफल ऑपरेशन

देवघर, प्रतिनिधि। सदर अस्पताल के इतिहास में शनिवार का दिन नई चिकित्सा उपलब्धि का साक्षी बना, जब पहली बार यहां लैप्रोस्कोपिक (दूरबीन विधि) से सफल सर्जरी की गई। अत्याधुनिक तकनीक अब तक केवल बड़े निजी अस्पतालों में आम थी, लेकिन अब सरकारी अस्पताल में भी इसकी शुरुआत से गरीब और जरूरतमंद मरीजों को राहत मिलेगी। इस ऐतिहासिक उपलब्धि का श्रेय अस्पताल के सर्जन डॉ. रवि कुमार और एनेस्थेटिस्ट डॉ. निताशा को जाता है, जिन्होंने दुमका जिले की रहने वाली 47 वर्षीय गेंधारी देवी की सफल सर्जरी की। मरीज के पित्त की थैली में पथरी और सूजन था, जिससे लंबे समय से पेट दर्द से परेशान थीं।

लेकिन आज उन्हें आयुष्मान भारत योजना अंतर्गत निःशुल्क इलाज मिला। ऑपरेशन में सहयोग देने वाले ओटी स्टाफ में अलका कुमारी (स्टाफ नर्स), सुनीता कुमारी, पूजा कुमारी, ठाकुर, प्रणय और देवकी देवी शामिल रहे, जिनके समन्वित प्रयास से यह सर्जरी पूरी तरह सफल रही। इस पहल की नींव कुछ दिन पहले सिविल सर्जन डॉ. युगल किशोर चौधरी की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में रखी गई थी। उन्होंने अस्पताल के सर्जनों से आग्रह किया था कि निजी क्लीनिक से अत्याधुनिक उपकरण लाकर गरीब मरीजों के लिए अस्पताल में सर्जरी करें। पहल को उपाधीक्षक डॉ. प्रभात रंजन ने भी प्रोत्साहित किया और लगातार चिकित्सकों को प्रेरित किया। सदर अस्पताल के प्रशासनिक प्रभारी डॉ. शरद कुमार ने सफल ऑपरेशन की जानकारी देते हुए पूरी टीम को बधाई दी और कहा कि यह सर्जरी सरकारी अस्पतालों में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवा की दिशा में एक मील का पत्थर है। हम सबका प्रयास है कि सिविल सर्जन डॉ. युगल किशोर चौधरी और उपाधीक्षक डॉ. प्रभात रंजन के मार्गदर्शन में सदर अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहतर बनाया जाए। इस ऐतिहासिक सर्जरी ने न केवल चिकित्सा जगत में एक मिसाल कायम की है, बल्कि यह भी साबित किया है कि यदि इच्छाशक्ति हो, तो सरकारी अस्पताल भी उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवा दे सकते हैं। यह पहल नि:संदेह आने वाले दिनों में गरीब और वंचित तबके के मरीजों के लिए उम्मीद की नई किरण साबित होगी।

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