सतयुगी वातावरण तैयार करने ज्योति कलश रथयात्रा
गायत्री तीर्थ शांति कुंज हरिद्वार से निकली ज्योति कलश रथ यात्रा रविवार को डकाय दुबे बाबा मंदिर पहुंची। श्रद्धालुओं ने भव्य स्वागत किया। यात्रा का उद्देश्य 2026 तक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के विचारों...

सारवां, प्रतिनिधि। गायत्री तीर्थ शांति कुंज हरिद्वार से भारत भ्रमण तथा आध्यात्मिक जागरण को निकाली गई ज्योति कलश रथ रविवार सुबह प्रखंड के सुप्रसिद्ध डकाय दुबे बाबा मंदिर प्रांगण पहुंची। जहां गायत्री परिवार तथा सनातनी श्रद्धालुओं ने ज्योति कलश रथ का भव्य स्वागत किया। धर्मध्वज, राष्ट्राध्वज और ध्वनी विस्तारक यंत्र से सुसज्जित ज्योति कलश रथ मंदिर प्रांगण से चलकर डकाय, जोगियाटिकुर, बाराकोला, गोंदलबारी, भुरकुंडा, देवपहरी, धावाडंगाल गांवों का परिभ्रमण किया गया। इस क्रम में जिला उप समन्वयक सह आध्यात्मिक प्रवक्ता उमाकांत राय ने ज्योति कलश रथ यात्रा के उद्येश्यों को आत्मसात कराते हुए लोगों से कहा कि अखंड ज्योति एवं युगशक्ति अवतरण का शताब्दी वर्ष 2026 तक युगद्रष्टा पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य के विचारों को जन-जन व घर-घर तक पहुंचाने का संकल्प है।
कहा कि जिन घरों तक गुरुदेव के विचार नहीं पहुंचे हैं। उन घरों में परमपूज्य गुरुदेव रचित पुस्तकों तथा पत्रिकाओं का नि:शुल्क वितरण कलश यात्रा के दौरान किया जा रहा है। हर घर में गायत्री यज्ञ, हवन साधना तथा देवस्थापना की व्यवस्था की जा रही है। नैतिक, सामाजिक, आध्यात्मिक, सांस्कृतिक क्रांति द्वारा सतयुगी वातावरण तैयार करने का प्रबल प्रयास ज्योति कलश रथयात्रा के माध्यम से स्वार्थ सिद्धि योग में संपन्न किया जा रहा है। बताया कि जिन गांवों में ज्योति कलश रथ यात्रा पहुंचा, वहां धार्मिक आस्था का आध्यात्मिक गंगा बह रही थी। कार्यक्रम को सफल बनाने में युवा संयोजक रतन प्रसाद राय, बाबा हंसदेव मिशन सारवां के संचालक डॉ.अतनु कुमार चक्रवर्ती अनुपमा देवी व मिलन वर्णवाल का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
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