भवतारिणी मंदिर में देर रात की गई गई फलहारिणी काली पूजा
धनबाद के पथराकुल्ही मनईटांड़ स्थित भवतारिणी मंदिर में फलहारिणी अमावस्या के अवसर पर वार्षिक पूजा की शुरुआत हुई। मंदिर की स्थापना 1991 में हुई थी और हर साल इस दिन पूजा होती है। नई प्रतिमा स्थापित कर...

धनबाद, वरीय संवाददाता पथराकुल्ही मनईटांड़ भवतारिणी मंदिर में फलहारिणी अमावस्या पर वार्षिक पूजा का शुरुआत हुई। मंदिर की स्थापना स्व. काली बाबा ने वर्ष 1991 में फलहारिणी अमावस्या के दिन हुई थी। इसके बाद से प्रत्येक वर्ष फलहारिणी अमावस्या के दिन वार्षिक पूजा होती है। मंदिर के नियमानुसार स्थापित पुरानी प्रतिमा विसर्जित की गई। रात को ही नई प्रतिमा स्थापित कर पूरी रात पूजा अर्चना की गई। मंदिर कमेटी के सदस्यों ने बताया कि मंगलवार सुबह चंडीपाठ किया जाएगा एवं उपस्थित भक्तों के बीच भोग वितरण किया जाएगा। पूजा बर्दवान से आए पंडित धनंजय भट्टाचार्य एवं उनके सहयोगी तपन ने करायी।
पूजा में श्रीनू मुखर्जी, वरुण गोस्वामी, उदय गोस्वामी, वैशाली, विशाल, बूमबा, छोटू, रखित प्रीतम, गुलशन, राजा, हिमांशु, शिवम, पिंटू, अभय, रिमझिम, बिष्टी, अणिमा, झूमा सीमा का योगदान रहा।
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