संदिग्धों से वास्ता रखने वाले कई लोग एटीएस के रडार पर
धनबाद में एटीएस ने अलकायदा और आईएसआईएस से जुड़े हिज्ब-उत-तहरीर के संदिग्ध आतंकियों की जांच शुरू की है। चार संदिग्धों से जुड़े एक दर्जन लोगों पर नजर रखी जा रही है। एटीएस ने कई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त...

धनबाद, मुख्य संवाददाता आतंकी संगठन अलकायदा और आईएसआईएस से जुड़े संगठन हिज्ब-उत-तहरीर के संदिग्ध आतंकियों की एटीएस कुंडली खंगाल रही है। वासेपुर, भूली और कोडरमा से गिरफ्तार चारों से वास्ता रखने वाले एक दर्जन लोग एटीएस के रडार पर हैं। प्रारंभिक पूछताछ के बाद एटीएस ने कई लोगों को भले ही छोड़ दिया है, लेकिन उनकी गतिविधियों पर नजर है।
एटीएस ने वासेपुर के अलीनगर में रहने वाले गुलफाम हसन, भूली के आजाद नगर अमन सोसाइटी व शमशेर नगर गली नंबर 3 में रहनेवाले आयान जावेद और उसकी पत्नी शबनम परवीन तथा अमन सोसाइटी गेट नंबर में किराए के मकान में रहने वाले शहजाद आलम के पास से आधा दर्जन से अधिक मोबाइल, लैपटॉप, डायरी और अन्य दस्तावेज जब्त किए हैं। आरोपियों के पास से जब्त सभी इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की फोरेंसिक जांच होगी। मोबाइल और लैपटॉप की विस्तृत जांच में कई साक्ष्य सामने आने की उम्मीद है। साक्ष्य के आधार पर भविष्य में और गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि सभी आरोपी अपने नेटवर्क के लोगों से वर्चुअल कॉल से जुड़े थे।
सोशल मीडिया के जरिए इनका ब्रेन वॉश किया गया था। धार्मिक कट्टरपंथी होने के साथ-साथ सभी अपने संपर्क के लोगों को देश और सरकार के प्रति भड़काते थे। सोशल मीडिया के जरिए सभी एक नेटवर्क से जुड़े थे। एटीएस पूरे नेटवर्क को खंगाल रही है। साथ ही दूसरे राज्यों में बैठे इनके आकाओं का भी पता लगाया जा रहा है। एटीएस को शबनम के ठिकाने से कई फर्जी आधार कार्ड मिले हैं। एटीएस को शक है कि आयान जावेद फर्जी आधार कार्ड बनाने के काम में शामिल था। इस मामले में भी जांच चल रही है।
---
फिल्म के बाद फिर से चर्चा में वासेपुर
अनुराग कश्यप की फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर ने वर्ष 2012 में रातोंरात वासेपुर को भारत में प्रसिद्धि दिलाई थी। फिल्म से पहले गैंगस्टर फहीम खान के कारनामों के कारण भी आसपास के राज्यों में वासेपुर को लोग जानते थे। पिछले तीन-चार सालों में दुबई में छिपे प्रिंस खान की कारस्तानी के कारण वासेपुर चर्चा में था। अब एटीएस की छापेमारी से वासेपुर एक बार फिर से चर्चा में है। इससे वासेपुर के साथ-साथ जिले की भी किरकिरी हो रही है।
---
बिना सत्यापन घर देने वाले भी हैं जांच के दायरे में
अभी तक जो जानकारी सामने आई है, उसके अनुसार वासेपुर, अमन सोसाइटी और शमशेर नगर में जिन चारों को गिरफ्तार किया गया है, उन्हें बिना सत्यापन के किराए पर कमरे दिए गए थे। पुलिस के बार-बार अपील के बावजूद बिना सत्यापन के कमरा देने के कारण मकान मालिक भी जांच के दायरे में हैं।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।