चार दिनों में 537 पाकिस्तानी लौटे, पाकिस्तान से आने वाले भारतीयों की संख्या कहीं ज्यादा
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने कई तरह के कदम उठाए हैं। इनमें वीजा रद्द करना, सिंधु जल समझौता खत्म करना, अटारी-वाघा बॉर्डर बंद करना और पाकिस्तान उच्चायोग बंद करने की बात शामिल है।

अटारी बॉर्डर से लगातार पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजा जा रहा है। पंजाब पुलिस के प्रोटोकॉल अधिकारी अरुण महल ने बताया कि चार दिनों में पाकिस्तान के 537 नागरिक अटारी बॉर्डर से पाकिस्तान गए हैं। इस दौरान अभी तक पाकिस्तान से 1,387 भारतीय नागरिक पाकिस्तान से भारत लौटे हैं। भारत सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे का समय दिया था। पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने के लिए रविवार को आखिरी दिन रहा। केंद्र सरकार की तरफ से दिया गया समय रविवार को खत्म हो गया। इसके बाद भी कई पाकिस्तानी नागरिक भारत में रह गए हैं। ऐसे में इनकी वापसी पर भारत सरकार का रुख सख्त हो सकता है।
भारत ने चेतावनी दी कि जो लोग समय सीमा बीत जाने के बाद भी देश से बाहर नहीं निकलेंगे, उन्हें नए अधिनियमित आव्रजन और विदेशी अधिनियम, 2025 के तहत कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। सरिता ने फूट-फूटकर रोते हुए कहा कि हम 9 साल बाद भारत आए हैं। वह, उसका भाई और उसके पिता पाकिस्तानी हैं, जबकि उसकी मां भारतीय है। उन्होंने कहा, 'अटारी के अधिकारी हमें बता रहे हैं कि वे मेरी मां को साथ नहीं जाने देंगे। मेरे माता-पिता की शादी साल 1991 में हुई थी। वे कह रहे हैं कि भारतीय पासपोर्ट धारकों को अनुमति नहीं दी जाएगी। कुछ लोग यहां शादियों में शामिल होने आए थे, लेकिन अब उन्हें बिना शामिल हुए ही घर लौटना पड़ रहा है।'
36 साल बाद आए थे मिलने मगर...
जैसलमेर के एक व्यक्ति ने कहा कि उसके मामा, मौसी और उनके बच्चे 36 साल बाद उनसे मिलने आए थे। लेकिन, उन्हें समय सीमा से पहले ही वापस लौटना पड़ा। मेडिकल वीजा वालों को 29 अप्रैल तक जाना होगा। 12 तरह के वीजा वालों के लिए 27 अप्रैल को भारत छोड़ने की डेडलाइन खत्म हो गई। जिनके पास सार्क वीजा था, उनके लिए भारत छोड़ने के लिए 26 अप्रैल तक की डेडलाइन थी। जिन लोगों के पास मेडिकल वीजा है, उनके लिए 29 अप्रैल तक की डेडलाइन तय की गई है। इस तरह जिनके पास लॉन्ग टर्म वीजा है, उन्हें भारत छोड़ने के आदेश से छूट दी गई है।