सात साल से पेंशन के लिए भटक रही है वृद्ध महिला
मैथन, प्रतिनिधि। एग्यारकुंड प्रखंड के कलीमाटी गांव निवासी होपनी मेझियान पिछले 7 सालों से

मैथन, प्रतिनिधि। एग्यारकुंड प्रखंड के कलीमाटी गांव निवासी होपनी मेझियान पिछले 7 सालों से प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा रही है। उन्हें सिस्टम से शिकायतें हैं। उन्होंने कहा कि 21 सितंबर 2017 से 24 सितंबर 2018 तक मेरे बैंक ऑफ़ इंडिया के अकाउंट 4725 101 10013800 में 600 रुपए प्रति माह विधवा पेंशन आ रहा था। अक्टूबर 2018 में अचानक बंद कर दिया गया। उसको लेकर कई बार प्रखंड कार्यालय गई। वहां कई बहाने बनाकर वापस भेज दिया गया लेकिन मेरा पेंशन चालू नहीं हो पाया। प्रखंड के पदाधिकारी के आश्वासन एवं पेंशन नहीं आने के कारण से निराश होकर 24 फरवरी 2021 को पुनः विधवा पेंशन के लिए आवेदन किया। प्रखंड कार्यालय से कहा कि आप पहले से ही पेंशनधारी हैं। इसलिए नया आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। आश्वासन दिया कि पेंशन पुराने आवेदन पर ही खाते में चला जाएगा लेकिन अब तक एक भी पैसा विधवा पेंशन के रुप में नहीं आया। पेंशन के लिए प्रखंड के बाबू से लेकर बीडीओ तक इसकी शिकायत किया गया। लेकिन कोई नहीं सुना। पथराई आंखों से वृद्ध आदिवासी महिला सिस्टम को कोश रही है। ऐसे में सिस्टम अपना काम ठीक तरीके से नहीं करता है तो समाज के लोग सवाल उठते ही हैं। बीडीओ इंद्रलाल ओहद्दार ने कहा कि इसकी जानकारी मिली है। जिला को पत्र लिखा गया है। झामुमो के प्रखंड संयोजक रामनाथन सोरेन ने कहा कि होपनी गरीब आदिवासी महिला है। पेंशन मिलता रहा लेकिन प्रखंड के कर्मचारियों के लापरवाही के कारण बिना जांच किए ही प्रखंड के सचिव ने उन्हें लापता घोषित कर दिया और नाम विधवा पेंशन से काट दिया गया। प्रखंड कर्मचारी गैर जिम्मेवारी काम करते हैं।
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