आईआईटी में माइनिंग टेक्नोलॉजी ट्रांसलेशन रिसर्च पार्क को मिली मंजूरी
आईआईटी आईएसएम धनबाद में माइनिंग सेक्टर के लिए टेक्नोलॉजी ट्रांसलेशन रिसर्च पार्क (टीटीआरपी) बनाने की मंजूरी मिल गई है। केंद्रीय विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने हरी झंडी दी है। यह रिसर्च पार्क...

धनबाद, अमित वत्स। आईआईटी आईएसएम धनबाद में माइनिंग सेक्टर के लिए टेक्नोलॉजी ट्रांसलेशन रिसर्च पार्क (टीटीआरपी व प्रौद्योगिकी अनुवाद अनुसंधान पार्क) बनाने की मंजूरी मिल गई है। इस संबंध में केंद्रीय विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्रालय भारत सरकार ने हरी झंडी दे दी है। विभिन्न टीटीआरपी के लिए देशभर के चार आईआईटी का चयन किया गया है, जिनमें आईआईटी कानपुर में साइबर सुरक्षा, आईआईएससी बेंगलुरु में रोबोटिक्स और ऑटोनोमस नेविगेशन, आईआईटी इंदौर में हेल्थकेयर व आईएसएम धनबाद में माइनिंग शामिल हैं। ये टेक्नोलॉजी ट्रांसलेशन रिसर्च पार्क अनुसंधान के लिए बुनियादी ढांचा और सहायता प्रदान करेंगे। आईआईटी धनबाद में पहले से माइनिंग का इनोवेशन हब संचालित है। माइनिंग इनोवेशन हब से माइनिंग सेक्टर को काफी लाभ मिला है। टैक्समिन के माध्यम से कई नई-नई टेक्नोलॉजी माइनिंग सेक्टर को मिली है। अब इनोवेशन हब को ही टीटीआरपी में अपग्रेड किया जाएगा। आईआईटी धनबाद प्रबंधन ने टीटीआरपी की तैयारी शुरू कर दी है।
माइनिंग स्टार्टअप को मिलेगा बढ़ावा: जानकारों का कहना है कि इससे माइनिंग में स्टार्टअप को बढ़ावा मिलेगा। टेक्नोलॉजी की डिमांड व सप्लाई पर फोकस होगा। कम लागत में टेक्नोलॉजी तैयार होंगे। केंद्र सरकार से रिसर्च पार्क के लिए संबंधित संस्थानों को फंड भी दिए जाएंगे। टीटीआरपी के तहत कई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनेगा। टेक्नोलॉजी पार्क का मुख्य उद्देश्य डीप टेक स्टार्टअप्स को बढ़ावा देना है। उद्योग-अकादमिक भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा।
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