गांव-गांव में बानेशवर बाबा को घुमाकर कर रहे हैं भिक्षाटन
चुटोनाथ शिव पार्वती मंदिर, दुमका के पास एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। चड़क पूजा की तैयारी जोरों पर है, जिसमें भक्त अनाज और फल का योगदान करते हैं। 14 अप्रैल को भजन मेला और 15 अप्रैल को बलि पूजा का आयोजन...

जामा, प्रतिनिधि। प्रखंड अंतर्गत दुमका से महज आठ किलोमीटर दूरी पर पश्चिम दिशा में स्थित चुटोनाथ शिव पार्वती मंदिर एवं चुटो पहाड़ी बाबा व चुटो पहाड़ यात्रियों के लिए धार्मिक एवं पर्यटन स्थल के रुप में काफी प्रसिद्ध है। चुटोनाथ चड़क पूजा की तैयारी जोर शोर से चल रहा है। ग्रामीण पुजारी रुसन राय, निर्मल राय, बिट्टु राय, तेनु राय नेम निष्ठा के साथ अरवा व फल खाकर चुटोनाथ धाम में ही शरण लिए हुए हैं। बुधवार से बाइस मौजा में बानेशवर बाबा को घुमाया जा रहा है जो गुरुवार को अमलाचातर, बारुडीह व कोड़ीया गांव में घुमाया गया। यह सिलसिला रविवार तक जारी रहेगा।
बानेशवर बाबा को आसपास के हर गांव घर घर घुमाया जाता है इसके बदले प्रत्येक घर वाले कुछ कुछ अनाज व फल देते हैं। उसी को सभी भक्त लाकर धाम में शरण लेते है और उसी फल व अनाज को बेचकर फल व अरवा खाते है। 14 अप्रैल को रात्रि जागरण एवं भजन मेला तथा बाबा चुटोनाथ महादेव का पूजन समारोह होगा। 15 अप्रैल को बलि पुजा होगा। चुटोनाथ आने वाले श्रद्धालु मंदिर में भोलेनाथ व पार्वती का पूजन के उपरांत यहां के रमणीक दृश्यों के साथ साथ चुटो पहाड़ एवं यहां के प्राकृतिक छटाओं का भी आनन्द लेते हैं। चुटोनाथ क्षेत्र में युं तो सालोभर पर्यटकों का आना लगा रहता है। लेकिन पहली बैसाख के चड़क पूजा में काफी भीड़ लगती है। उस दिन आस पास के सैकड़ों भक्त नियम पुर्वक रह कर जलती हुई अंगार में कुदना, कटरंगनी के कांटे पर लेटना आदि हैरत अंगेज कारनामा दिखाते हैं। चड़क पूजा के अवसर पर मेला भी लगता है। उस दिन सैकड़ों बकरे तथा मुर्गा की बलि दी जाती है। मौके पर राजीव सिंह, भैरव बाबा, चंदन राय, परशुराम सिंह, मिथुन राय, गोवर्धन राय, बद्री राय, साहिल राय, पहचन सिंह, गोबी मिर्धा , मुकेंदर मिर्धा, कैलाश मिर्धा, परणा मिर्धा, बाघा मिर्धा आदि मौजूद थे।
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