अस्पतालों में कहीं दवा का स्टॉक खत्म तो कहीं मास्क तक उपलब्ध नहीं
गढ़वा में कोरोना के नए वैरिएंट के संक्रमण फैलने का अलर्ट जारी होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग की तैयारियां केवल कागज़ों तक सीमित हैं। सदर अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में जरूरी दवाइयों की...

गढ़वा, प्रतिनिधि। कोरोना के नए वैरिएंट के संक्रमण फैलने का अलर्ट जारी होने के बाद भी जिला स्तर पर स्वास्थ्य विभाग अभी भी केवल कागजी तैयारी में जुटा हुआ है। सदर अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में आपात स्थिति से निपटने के लिए उपलब्ध संसाधनों की स्थिति दयनीय है। कहीं जरूरी दवाइयों का स्टॉक खत्म है तो कहीं मास्क तक उपलब्ध नहीं है। ऑक्सीजन सिलेंडर और वेंटिलेटर निष्क्रिय पड़े हैं। उसके अलावा ऑक्सीमीटर भी काम नहीं कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि कोरोना को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कंसर्न के दर्जे से हटाए जाने के बाद पूर्व के सभी उपकरण अब खराब हो रहे हैं।
अब जब संक्रमण का खतरा फिर से मंडरा रहा है तो विभाग की उदासीनता चिंताजनक है। जिले में मरीजों की संख्या बढ़ने से रोकने के लिए एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। विभाग की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है। ::बॉक्स::आरटीपीसीआर लैब में आग लगने के बाद से जांच प्रभावित पिछले साल सदर अस्पताल स्थित आरटीपीसीआर लैब में आग लगने की घटना हुई थी। उसके बाद से ही आरटीपीसीआर जांच बंद हो गया है। वहां कार्यरत कर्मियों को भी हटा दिया गया है। उसके बाद से लाखों रुपए की लागत से बना आरटीपीसीआर लैब जर्जर स्थिति में पड़ा हुआ है। कोरोना के नए वैरिएंट के खतरे के बीच अगर संक्रमण पांव पसारता है तो जांच में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। ::बॉक्स::करोड़ों की लागत से लगा सामान हुआ खराब कोरोना के दूसरे लहर के दौरान केंद्र और राज्य सरकार की ओर से सदर अस्पताल में कोरोना मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर ऑक्सीजन प्लांट, ऑक्सीजन पाइपलाइन, ऑक्सीमीटर, वेंटिलेटर सहित कई तरह की सुविधा उपलब्ध कराई गई थी। कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के बाद उक्त सभी सुविधाएं रख रखाव के अभाव में जर्जर स्थिति में है। सदर अस्पताल में लगा ऑक्सीजन प्लांट एक साल से विभागीय लापरवाही से खुद वेंटिलेटर पर है। लोगों की जिंदगी बचाने वाला ऑक्सीजन प्लांट खुद ही बीमार अवस्था में पड़ा हुआ है। सदर अस्पताल में कोरोना के समय नीति आयोग के फंड से लगा ऑक्सीजन प्लांट में आई खराबी अबतक ठीक नहीं हुई है। प्लांट का कंप्रेसर खराब होने से ऑक्सीजन सप्लाई बंद है। गढ़वा जिला तीन राज्यों यूपी, बिहार और छत्तीसगढ़ की सीमाओं से लगता है। गढ़वा सदर अस्पताल में प्लांट लगाने का उद्देश्य था कि अगल बगल के राज्यों के लोगों को भी ऑक्सीजन की कमी से जूझना न पड़े। ऑक्सीजन के अभाव में किसी की असमय मौत न हो। उसके बावजूद पिछले तीन माह से ऑक्सीजन प्लांट को ठीक करने की कोशिश नहीं की गई है। उधर सदर अस्पताल में दो ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं। उक्त दोनों का कंप्रेसर खराब है। मामले में उपाधीक्षक डॉ हरेंद्र चंद महतो ने भी कहा कि मशीन खराब स्थिति में है। कंप्रेसर कब तक ठीक होगा उसपर कोई ठोस जवाब नहीं दे पाए। उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन प्लांट को ठीक करने के लिए विभागीय अधिकारियों से संपर्क किया गया है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में फिलहाल सिलेंडर से ऑक्सीजन आपूर्ति की जाती है। ::बॉक्स:: एहतियातन कोरोना से बचाव को लेकर रेलवे स्टेशन और बस पड़ाव पर प्रचार-प्रसार कराया जाना है। अभी कोरोना के एंटीजन किट नहीं आया है। उक्त कारण जांच शुरू नहीं किया जा रहा है। पीएचसी से लेकर सदर अस्पताल जांच के लिए आने वाले सभी मरीजों की जांच करना अनिवार्य नहीं है। अगर जांच में कोई कोरोना संक्रमित पाया जाता है तो उसे स्वास्थ्य विभाग के गाइडलाइन के अनुसार दवा, किट देकर होम आइसोलेशन में रहने की सलाह दी जाएगी। डॉ अशोक कुमार, सिविल सर्जन
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