यूओयू में डिजिटल युग में पत्रकारिता की चुनौतियों पर चिंतन
हल्द्वानी में उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय ने हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर संगोष्ठी आयोजित की। इस कार्यक्रम में डिजिटल मीडिया के दौर में हिन्दी पत्रकारिता की चुनौतियों और फेक न्यूज पर चर्चा की गई।...

हल्द्वानी, वरिष्ठ संवाददाता। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं मीडिया स्टडीज विभाग ने शुक्रवार को हिन्दी पत्रकारिता दिवस पर संगोष्ठी आयोजित की। हिन्दी के पहले अखबार उदंत मार्तंड की स्मृति में आयोजित इस कार्यक्रम में डिजिटल मीडिया के दौर में हिन्दी पत्रकारिता की चुनौतियों और फेक न्यूज पर चर्चा की। वरिष्ठ पत्रकार प्रयाग पांडे, गिरीश जोशी को सम्मानित किया गया। विभागाध्यक्ष प्रो.राकेश चन्द्र रयाल ने उदंत मार्तंड और इसके संस्थापक पंडित जुगल किशोर शुक्ल के योगदान को याद करते हुए कहा कि हिन्दी पत्रकारिता की शुरुआत स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जनचेतना जागृत करने के लिए हुई थी। उन्होंने हिन्दी अखबारों में भाषाई शुद्धता पर सवाल उठाते हुए नैरेटिव और एजेंडा सेटिंग की प्रवृत्ति पर चिंता जताई।
मुख्य वक्ता प्रो.गोविंद पांडे बाबा भीमराव आंबेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय लखनऊ ने कहा कि पत्रकारिता जनहित में बहती नदी है। उदंत मार्तंड ने हिन्दी को राष्ट्रभाषा के रूप में स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई। मुख्य अतिथि प्रो. दुर्गेश पंत ने कुमाऊं की समृद्ध पत्रकारिता परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) ने पत्रकारिता को नए मोड़ पर ला खड़ा किया है। उन्होंने एआई को मानवता के लिए उपयोग करने की बात कही। प्रो. गिरिजा प्रसाद पांडे ने हिन्दी पत्रकारिता का उद्देश्य सामाजिक विमर्श को बढ़ावा देना बताया। संचालन प्रो. राजेंद्र क्वीरा ने किया, जबकि कुलसचिव खेमराज भट्ट ने सभी का आभार व्यक्त किया। संगोष्ठी में प्रो. मंजरी अग्रवाल, प्रो. रेनू प्रकाश, प्रो. जितेंद्र पांडे, प्रो. मदन मोहन जोशी, डॉ. शशांक शुक्ला, डॉ. गौरी आदि मौजूद रहे।
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