अबतक महज 43 प्रतिशत छात्रों का ही बना अपार कार्ड
गढ़वा में विभिन्न स्कूलों में नामांकित छात्रों के अपार कार्ड बनाने की गति धीमी है। तीन लाख 17 हजार छात्रों में से केवल एक लाख 76 हजार का ही अपार कार्ड बना है। अपार आईडी छात्रों के लिए एक डिजिटल पहचान...

गढ़वा, प्रतिनिधि। जिलांतर्गत विभिन्न स्कूलों में नामांकित छात्रों की तुलना में उनका अपरा कार्ड बनाने की गति काफी धीमी है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार स्कूलों में कुल नामांकित बच्चों की संख्या तीन लाख 17 हजार है। उसके विरुद्ध महज एक लाख 76 हजार छात्रों का ही अपार कार्ड बन सका है। जिलांतर्गत कुल विभिन्न कोटि के कुल 1435 स्कूल हैं। उनमें 898 प्राथमिक विद्यालय हैं। उसके अलावा 411 मिडिल स्कूल और 126 हाईस्कूल हैं। अपार आईडी राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत शुरू की गई है। उसके तहत स्कूलों में अध्ययनरत सभी बच्चों का अपार आईडी बनाया जा रहा है। मालूम हो कि विभागीय निर्देश के आलोक में अपार आईडी (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी कार्ड के नाम से भी जाना जाता है।
यह छात्रों के लिए एक यूनिक आईडी नंबर है जो उनकी शैक्षणिक यात्रा और उपलब्धियों को ट्रैक करता है। दरअसल अपार आईडी छात्रों के लिए एक डिजिटल पहचान प्रणाली है जो उन्हें एक ही प्लेटफॉर्म पर उनके शैक्षणिक रिकॉर्ड तक पहुंचने की अनुमति देती है। उक्त में आईडी छात्र के संबंध में शैक्षणिक जानकारी शामिल किया जाता है। डीइओ कैशर रजा ने बताया कि हाईस्कूल के बच्चों का भी अपार आईडी बन रहा है। हाईस्कूल में अध्ययनरत बच्चों का करीब 70 प्रतिशत अपार आईडी बन चुका है। कुछ तकनीकी विसंगतियों के कारण बाकी बच्चों का आईडी नहीं बन सका है। बाकी बचे बच्चों का अपार आईडी भी बनाने का काम चल रहा है। उन्होंने बताया कि एक छात्र का अलग-अलग स्कूलों में नामांकन की शिकायत अबतक नहीं मिली है। उधर रंका प्रखंड के बीपीओ एसके दूबे ने बताया कि स्कूलों में छात्रों का अपार आईडी बनाया जा रहा है। उन्हीं छात्रों का अपार आईडी बनाने में समस्या आ रही है आधार नंबर या अन्य तकनीकी गड़बड़ी हो रही है। उक्त गड़बड़ियों को भी ठीक कर उनका आईडी बनाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि अबतक प्रखंड क्षेत्र में किसी छात्र का अलग-अलग स्कूलों में नामांकन की शिकायत अबतक नहीं मिली है।
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