निजी अस्पतालों की लापरवाही ले रही जज्जे-बच्चे की जान!
गिरिडीह में प्राइवेट अस्पतालों की कार्यशैली मातृत्व के लिए खतरनाक साबित हो रही है। पिछले 15 दिनों में दो प्रसूताओं की मौत और एक और बच्चे की मौत ने अस्पतालों की लापरवाही पर सवाल उठाए हैं। परिजनों ने...

गिरिडीह, प्रतिनिधि। गिरिडीह में प्राइवेट अस्पतालों की कार्यशैली खासतौर से जज्जा-बच्चा के लिए खतरनाक साबित हो रही है। हाल के 15 दिनों में दो प्रसूता की मौत ने ऐसे अस्पतालों की कार्यशैली की सत्यता सामने लाने के साथ प्रश्न चिन्ह भी खड़ा कर दिया है। दोनों घटना को उनके परिजनों ने साफ शब्दों में लापरवाही बताकर सम्बंधित अस्पताल पर खूब हंगामा किया था। जिसके बाद सम्बंधित पचंबा पुलिस को ऐन मौके पर पहुंचकर हंगामे को शांत करना पड़ा था। वहीं बुधवार को एक और मासूम की मौत भी लापरवाही के कारण हो गई। इधर लगातार हो रही जच्चा-बच्चा की मौत से जिला स्वास्थ्य विभाग सवालों के घेरे में है।
आमलोग भी इसके लिए विभाग को कटखरे में खड़ा कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि प्राइवेट अस्पतालों की करतूतों पर विभाग बराबर पर्दा डालता रहता है। यह कोई नहीं बात नहीं है। अस्पतालों में लापरवाही से मौत की घटना के बाद विभाग मौन हो जाता है। यदि हंगामा ज्यादा बरपा तो मौके की नजाकत को देखते हुए विभाग फौरी टीम बनाकर जांच का आदेश दे देता है। इसके बाद लीपापोती हो जाती है और जांच की कार्रवाई आगे नहीं बढ़ती। इससे ऐसे अस्पतालों का मनोबल बढ़ जाता है।
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