महंगी दरों पर बीज खरीदने को विवश हैं किसान
झारखंड के जमुआ प्रखंड में चालीस सहकारी समितियों में से केवल सात-आठ को खरीफ फसल के बीज उपलब्ध कराए गए हैं। धान, मकई, सरसों, मूंग और अरहर के बीजों की डिमांड बढ़ रही है, जबकि कई समितियों को बीज नहीं...

झारखंडधाम। जमुआ प्रखंड में सक्रिय तकरीबन चालीस सहकारी समितियों में से महज सात आठ समितियों को खरीफ फसल के बीज उपलब्ध कराए गए। शेष समितियों को एक भी दाने बीज के उपलब्ध नहीं कराए गए है। बीज के रूप में धान, मकई, सरसों, मूंग ,अरहर के बीज उपलब्ध कराए जा रहे हैं। मुख्य रूप से धान की खेती होती है। इसलिए धान की बीज की डिमांड बढ़ी है। धान में 6444, बी आर आर 3, आई आर 64 एम 10क्यू एवं एराइज कंपनी के अलावा रिसर्च बीज कृषि भी उपलब्ध कराया गया है। पांच और वैरायटी के बीज आने वाले हैं।
ऐसा पैक्स के सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है। सरसों, मकई और दलहन ,तेलहन की डिमांड कम है बताते चलें कि नोडल पैक्स चुंगलो से पोबी, भंडारो चितरडीह, दुम्मा, चितरडीह, नवडीहा पैक्स को ही बीज उपलब्ध कराए गए। कुछ सहकारी समितियों को उपेक्षित किया जा रहा है। धुरैता में तो पैक्स के साथ लैम्पस भी है। इस बाबत प्रभारी बीसीओ मदन मोहन ने बतलाया कि सभी पैक्स को बीज उपलब्ध कराए जाएंगे, यदि वे ड्राफ्ट लगाएंगे। कहा कि नोडल पैक्स चुंगलो और प्रतापपुर से अन्य पैक्स अथवा लैम्पस बीज प्राप्त कर सकते हैं। कहा कि सभी पैक्स को एक्टिवेट किया जाएगा। इसके लिए विभागीय प्रयास जारी है, लेकिन स्थानीय स्तर से भी प्रयास होने चाहिए। इधर गिरिडीह पैक्स संघ के अध्यक्ष केदार यादव ने कहा कि बीज की डिमांड के हिसाब से पैक्स को बहुत थोड़ा बीज उपलब्ध कराया जाता है। ऐसे में वे कृषकों को बीज कैसे उपलब्ध करा सकेंगे। उन्होंने कहा बीज चालू कंपनियों की होनी चाहिए जिसे किसान मार्केट में ढूंढते हैं। किसानों की संख्या और बीजों की डिमांड के अनुसार बीज सरकार को उपलब्ध कराना चाहिए। नोडल पैक्स चुंगलो के प्रबंधक झबन मंडल ने कहा कि जो भी बीज उपलब्ध हैं तेजी से वितरण किया जा रहा है। जो पैक्स बीज का डिमांड कर रहे हैं उन्हें बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रखंड कृषि पदाधिकारी नित्यानंद चौधरी का मोबाइल स्विज ऑफ रहने के कारण उनका मंतब्य नहीं लिया जा सका।
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