ग्रामीण जलापूर्ति योजना लापरवाही की भेंट चढ़ी, ग्रामीणों में भारी आक्रोश
चिरकी-मधुबन ग्रामीण जलापूर्ति योजना की स्थिति खराब है, जिससे वासियों को पानी के लिए परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। योजना में अनियमितता के कारण ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ रहा है। अब ग्रामीण चरणबद्ध...

पीरटांड़, प्रतिनिधि। पेयजल स्वच्छता विभाग के प्रयास के बाद भी नहीं सुधरी चिरकी-मधुबन ग्रामीण जलापूर्ति योजना की हालत। चिरकी-मधुबन वासियों की प्यास बुझानेवाली ग्रामीण जलापूर्ति योजना लापरवाही की भेंट चढ़कर रह गई है। जलापूर्ति योजना बाधित होने से ग्रामीणों को रोज परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। योजना पर आश्रित लोगों में धीरे धीरे आक्रोश पनप रहा है। आक्रोशित लाभुक अब चरणबद्ध आंदोलन के मूड में हैं। बताया जाता है कि एक ओर जहां शासन-प्रशासन हर गांव घर में नल से जल देने का दावा कर रहा है वहीं विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल मधुबन में संचालित ग्रामीण जलापूर्ति योजना दम तोड़ रही है।
चिरकी-मधुबन ग्रामीण जलापूर्ति योजना सरकार के दावे की पोल खोल रही है। विभिन्न समस्याओं के कारण जलापूर्ति योजना लंबे समय से प्रभावित है। चिरकी-मधुबन ग्रामीण जलापूर्ति योजना ठप होने से चिरकी से लेकर मधुबन तक पानी के लिए त्राहिमाम मच गया है। जलापूर्ति योजना पर आश्रित ग्रामीण पानी के लिए परेशान हैं। उल्लेख्य है कि चिरकी-मधुबन वासियों की प्यास बुझाने के लिए वर्षों पहले ग्रामीण जलापूर्ति योजना चालू की गई थी। बराकर नदी में इंटेक वेल बनाकर पाइप लाइन के जरिये मधुबन तक पानी पहुंचाया गया। मधुबन स्थित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में जल शोधन कर चिरकी से लेकर मधुबन तक जलापूर्ति शुरू की गई थी। शुरुआती दौर में योजना ठीक ठाक चली पर धीरे धीरे दम तोड़ रही है। कभी लो वोल्टेज तो कभी तकनीकी गड़बड़ी तथा कभी गर्मी के मौसम में पानी की कमी के कारण जलापूर्ति बाधित रहती है। अब कर्मचारियों के भुगतान में विलम्ब के कारण भी जलापूर्ति बाधित हो रही है। लाभुकों की मानें तो महीने में औसतन बड़ी मुश्किल से दस दिन पानी मिल पाता है। पदाधिकारियों की पहल से भी बात नहीं बनी। जलापूर्ति को लेकर लगातार मिलती शिकायत पर पेयजल स्वच्छता विभाग से बैठक कर न केवल समिति को सक्रिय करने का प्रयास किया गया बल्कि योजना को नियमित चलाने की भी नसीहत दी गई, पर बात नहीं बन पाई। बैठक के बाद दो दिनों तक जलापूर्ति जरूर की गई पर तीसरे दिन से जलापूर्ति ठप है। आंदोलन के मूड में है ग्रामीण। चिरकी मधुबन में अनियमित जलापूर्ति से त्रस्त ग्रामीणों ने आंदोलन का मूड बनाया है। विभागीय लापरवाही के कारण ग्रामीणों के बीच आक्रोश पनप रहा है। आक्रोशित ग्रामीणों द्वारा आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जा रही है। जलसंकट को देखते हुए ग्रामीणों द्वारा चरणबद्ध आंदोलन की योजना बनाई जा रही है। इस बाबत अमित कुमार ने बताया कि मधुबन में लगातार पांच दिनों से जलापूर्ति ठप है। कोई देखनेवाला नहीं है। एक दूसरे पर सिर्फ दोषारोपण किया जा रहा है। मधुबन में बाधित जलापूर्ति सरकार के दावे की पोल खोल रही है। अब ग्रामीणों के बीच आक्रोश पनप रहा है।
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