Vice-Chancellor Discusses Research Quality and PhD Regulations at Vinoba Bhave University शोध की गुणवत्ता में लाया जाएगा सुधार: कुलपति , Hazaribagh Hindi News - Hindustan
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शोध की गुणवत्ता में लाया जाएगा सुधार: कुलपति

हजारीबाग में विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर चंद्र भूषण शर्मा ने शोधार्थियों से बात की। उन्होंने शोध की गुणवत्ता पर ध्यान देने और समय पर आलेख प्रकाशित करने की सलाह दी। कुलपति ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, हजारीबागWed, 28 May 2025 03:42 AM
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शोध की गुणवत्ता में लाया जाएगा सुधार: कुलपति

हजारीबाग, वरीय संवाददाता । विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर चंद्र भूषण शर्मा ने मंगलवार को विश्वविद्यालय के अलग-अलग विभागों के शोधार्थियों से सीधी बात की। पूर्व निर्धारित समय मंगलवार दोपहर के ठीक 12:00 बजे कुलपति स्वामी विवेकानंद सभागार पहुंचे। उपस्थिति को देखकर कुलपति ने बताया कि विश्वविद्यालय में कुल 269 शोधार्थी पंजीकृत है जबकि यहां उतनी संख्या नहीं दिख रही है। कुलपति ने विश्वविद्यालय के शोध तथा पीएचडी थीसिस के स्तर पर असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय की पहचान शोध से होती है। अतः शोध की गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाएगा। कुलपति ने विद्यार्थियों को कहा कि आप समय-समय पर आलेख लिखे एवं स्तरीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित करवाए।

ख्याति प्राप्त शोध पत्रिका में प्रकाशित आलेख को पुरस्कृत करने की बात उन्होंने कही। बताया कि अलग-अलग विश्वविद्यालय में आयोजित संगोष्ठियों में जाकर भाग ले। यदि किसी स्तरीय संगोष्ठी में किसी शोधार्थी का पत्र स्वीकृत होता है और उसे किसी प्रकार का स्कॉलरशिप नहीं मिलता है, तो उसे संगोष्ठी में भाग लेने से संबंधित खर्च में सहयोग पर विचार किया जाएगा। शोधार्थियों ने बताया कि 6 महीना का कोर्स वर्क पूरा करने में दो वर्ष लग जाते हैं। इस पर कुलपति ने आश्वासन दिया कि अब यह 6 महीने से एक साल के भीतर पूर्ण होगा। कोर्स वर्क के अंक पत्र में अब दो क्रेडिट का भी उल्लेख होगा। प्रोफेसर चंद्र भूषण शर्मा ने बताया कि उन्हें प्लेगियारिज्म परीक्षण से संबंधित शिकायतें मिली है। यह जवाबदेही एक मैडम को दी गई है। अब एक दिन में प्लेगियारिज्म प्रतिवेदन प्राप्त होगा। अब शोध आलेख का भी प्लेगियारिज्म परीक्षण संभव होगा। बताया कि पीएचडी परिनियम से संबंधित बहुत से विषय है जो स्पष्ट नहीं है तथा लागू नहीं है। इससे भी शोधार्थियों को कठिनाई हो रही है। वह जल्द विद्वत परिषद की बैठक में इस समस्या का समाधान करेंगे। शोध संबंधी सभी कार्य शोध परिनियम के तहत ही संचालित किए जाएंगे।

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