Jharkhand s Electricity Crisis 3000 Crore Spent but Frequent Breakdowns Persist सात साल में 3 हजार करोड़ खर्च, फिर भी हर साल ब्रेकडाउन, Jamshedpur Hindi News - Hindustan
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सात साल में 3 हजार करोड़ खर्च, फिर भी हर साल ब्रेकडाउन

कोल्हान प्रमंडल में बिजली की स्थिति में सुधार के लिए 7 वर्षों में 3000 करोड़ रुपये खर्च किए गए, फिर भी बिजली की ब्रेकडाउन की समस्या जारी है। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति 8-10 घंटे तक सीमित...

Newswrap हिन्दुस्तान, जमशेदपुरThu, 8 May 2025 06:52 PM
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सात साल में 3 हजार करोड़ खर्च, फिर भी हर साल ब्रेकडाउन

कोल्हान प्रमंडल में बिजली की व्यवस्था में सुधार पर सात साल में 3 हजार करोड़ रुपये खर्च होने के बाद भी हर साल ब्रेक डाउन जारी है। हालत यह है कि तेज हवा में भी बिजली गुल हो जाती है। न तो तकनीकी खामियां दूर हो पाई और न कमजोर बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जा सका। गर्मी में लोड बढ़ने पर ट्रांसफॉर्मर जल जाते हैं। बरसात में लाइन ब्रेक डाउन जैसी समस्याएं सामने आती हैं। ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति का ग्राफ लगातार गिर रहा है। कई बार बिजली के बिना लोग 5 से 15 दिन तक जूझते रहते हैं।

राज्य सरकार हर साल बिजली नेटवर्क को मजबूत करने के लिए पूरे राज्य में 1500 से 2000 करोड़ रुपये खर्च करती है, लेकिन इसके बावजूद बिजली की उपलब्धता संतोषजनक नहीं हो पाई है। राज्य गठन से अबतक लगभग 40 हजार करोड़ बिजली नेटवर्क को सुधारने में खर्च किए गए हैं, फिर भी कई इलाके बिजली संकट से जूझ रहे हैं। 24 घंटे बिजली का दावा करता है विभाग झारखंड बिजली वितरण निगम का दावा है कि सभी जिलों में 24 घंटे निर्बाध बिजली दी जाएगी, लेकिन यह सिर्फ कागजों तक सीमित है। शहरी क्षेत्रों में 20-22 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 16-18 घंटे बिजली की आपूर्ति का दावा किया जा रहा है, जबकि वास्तविकता यह है कि ग्रामीण इलाकों में यह समय 8-10 घंटे तक सीमित रहता है। पिछले 7 वर्षों में 10,000 करोड़ रुपये बिजली की आधारभूत संरचना पर खर्च किए गए हैं, लेकिन स्थिति में कोई विशेष सुधार नहीं हुआ है। कई योजनाएं चला रही है राज्य सरकार झारखंड सरकार ने कई योजनाओं के तहत बिजली वितरण नेटवर्क को मजबूत करने की कोशिश की है। जैसे झारखंड संपूर्ण बिजली आच्छादन योजना के तहत 3430 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। वहीं, सौभाग्य योजना के तहत 472 करोड़ रुपये और दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना के तहत 5500 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। इन योजनाओं के तहत 25,000 गांवों में आधारभूत संरचना का विकास हुआ और 11 लाख 41 हजार उपभोक्ताओं को मुफ्त बिजली कनेक्शन प्रदान किया गया। इसके अलावा, आरडीएसएस योजना के तहत 3132 करोड़ रुपये की लागत से बिजली नेटवर्क का विस्तार किया जा रहा है। इसके तहत 13 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे और 72 नए कृषि फीडर बनाए जाएंगे। 5395 नए ट्रांसफॉर्मर लगाने की है योजना लो वोल्टेज और लाइन लॉस की समस्या को हल करने के लिए लंबे फीडरों को छोटा किया जाएगा। इससे बिजली की गुणवत्ता में सुधार होगा। इसके साथ ही, 5,395 नए ट्रांसफॉर्मर लगाए जाएंगे और हाई वोल्टेज डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के तहत तार बदलकर वोल्टेज को सही किया जाएगा। योजनाओं के बावजूद झारखंड की बिजली व्यवस्था को पूरी तरह से स्थिर और निर्बाध बनाने के लिए और अधिक प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि राज्य के ग्रामीण इलाकों में भी लोगों को लगातार और गुणवत्तापूर्ण बिजली मिल सके। -केके वर्मा, निदेशक, जेबीवीएनएल

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