लालू यादव की बढ़ीं मुश्किलें, जमीन के बदले नौकरी केस में ED करेगी जांच, राष्ट्रपति ने दी मुकदमे की मंजूरी
लालू यादव के लिए अब एक बार फिर मुश्किलें बढ़ गई हैं, राष्ट्रपति ने उनके खिलाफ जमीन के बदले रेलवे में नौकरी दिलाने के आरोप में मुकदमे की इजाजत दे दी है।

रेलवे में जमीन के बदले नौकरी देने के मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के मुखिया लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें अब और बढ़ती नजर आ रही हैं। सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रपति ने इस मामले में लालू यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर रहा है।
राष्ट्रपति ने दी मुकदमे की अनुमति
सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 197(1) और बीएनएसएस, 2023 की धारा 218 के तहत अनिवार्य अनुमति प्रदान की है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले साल अगस्त में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री, उनके बेटे और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत धन शोधन मामले में आरोप पत्र दायर किया था।
यह मामला सीबीआई की प्राथमिकी से उत्पन्न हुआ है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि 2004-2009 के दौरान भारतीय रेलवे में ग्रुप डी के कर्मचारियों की नियुक्ति में तत्कालीन केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद (76) भ्रष्टाचार में लिप्त थे।
सीबीआई की FIR क्या था दर्ज
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी के अनुसार, उम्मीदवारों या उनके परिवार के सदस्यों को रेलवे में नौकरी दिलाने के बदले में कथित तौर पर रिश्वत के तौर पर जमीन हस्तांतरित करने के लिए कहा गया था। ये जमीनें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लालू प्रसाद के परिवार के सदस्यों के नाम पर पंजीकृत थी। सीबीआई ने इस मामले में तीन आरोपपत्र भी दाखिल किए हैं।