दूसरे विश्वविद्यालयों की तुलना में केयू के शिक्षकों का मानदेय 40% कम
कोल्हान विश्वविद्यालय के सेल्फ फाइनेंस कोर्स के संविदा शिक्षकों को यूजीसी गाइडलाइन के अनुसार मानदेय नहीं मिल रहा है। उन्हें झारखंड के अन्य विश्वविद्यालयों की तुलना में 40 प्रतिशत कम वेतन दिया जा रहा...

कोल्हान विश्वविद्यालय के सेल्फ फाइनेंस कोर्स में संविदा पर कार्यरत शिक्षकों को अब भी यूजीसी गाइडलाइन के अनुरूप मानदेय नहीं दिया जा रहा है। विडंबना यह है कि इन संविदा आधारित वोकेशनल और बीएड कोर्स के शिक्षकों को झारखंड के अन्य राजकीय विश्वविद्यालयों की तुलना में 40 प्रतिशत कम वेतन मिल रहा है। कई बार शिक्षकों ने इस बाबत शिकायत की, लेकिन कोल्हान विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। झारखंड के अन्य विश्वविद्यालयों की बात करें तो रांची विश्वविद्यालय में वोकेशनल शिक्षकों का मासिक मानदेय 50 हजार निर्धारित है। यहां 22 जुलाई 2024 से पहले 43,560 रुपये मानदेय दिया जाता था, जिसे बढ़ाकर 50 हजार रुपये कर दिया गया। इसी तरह सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय में वोकेशनल और बीएड शिक्षकों का मासिक मानदेय 57,700 रुपये निर्धारित किया गया है। मार्च 2025 में यह वृद्धि की गई। इससे पहले शिक्षकों को 37,700 रुपये मासिक मानदेय दिया जाता था। विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय, धनबाद में तो संविदा पर रखे गए सेल्फ फाइनेंस कोर्स के शिक्षकों का मानदेय वर्ष 2022 से ही 57 हजार रुपये निर्धारित है। 2022 से पहले यहां संविदा शिक्षकों को 40 हजार रुपये मानदेय दिया जाता था। वहीं, कोल्हान विश्वविद्यालय में शिक्षकों को अबभी 37,800 रुपये ही दिए जा रहे हैं। लंबे समय से इसमें संशोधन नहीं हो सका है। विश्वविद्यालय प्रशासन इसपर विचार करने की बात तो करता है, लेकिन कोई स्पष्ट पहल नहीं की गई है। बीएड शिक्षक डॉ. राजीव लोचन नमता ने हाल ही में इसे लेकर कुलपति प्रो. अंजिला गुप्ता से मुलाकात की। कुलपति ने मामले में जल्द सकारात्मक पहल का आश्वासन दिया है।
इधर, झारखंड राज्य बीएड प्राध्यापक संघ के अध्यक्ष डॉ. विशेश्वर यादव ने कहा कि कोल्हान विश्वविद्यालय के अंगीभूत कॉलेजों में संचालित बीएड और वोकेशनल कोर्स के शिक्षकों के साथ मानदेय में भेदभाव किया जा रहा है। अन्य विश्वविद्यालयों की तुलना में यहां 40 प्रतिशत कम मानदेय दिया जा रहा है। पूरे राज्य के राजकीय विश्वविद्यालयों में इसे लेकर एक नीति बनाकर मानदेय तय किया जाना चाहिए। यूजीसी के मानकों को पूरा करने वाले शिक्षकों को यूजीसी गाइडलाइन के अनुरूप ही मानदेय मिलना चाहिए। इस पर कोल्हान विश्वविद्यालय को शीघ्र नीतिगत निर्णय लेना चाहिए।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।