झारखंड स्वास्थ्य मंत्रालय का बड़ा फैसला, अब ऐसे लोगों को नहीं मिलेगी सरकारी अस्पताल में एंट्री; वजह
झारखंड स्वास्थ्य निदेशालय ने सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉले में एंट्री को लेकर बड़ा फैसला लिया है। अब अनाधिकृ्त लोगों को प्रवेश नहीं मिलेगा।

झारखंड स्वास्थ्य निदेशालय ने राज्य के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पताल और सरकारी अस्पतालों में अनाधिकृत लोगों के प्रवेश पर रोक लगाने का निर्देश दिया। अस्पतालों में भीड़ कम करने, मरीजों की सुरक्षा व गोपनीयता बनाए रखने और सुव्यवस्थित ढंग से अस्पताल संचालन के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
यह पहल 11 जून को स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में लिए गए निर्णय के आलोक में की जा रही है। निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं डॉ सीके शाही ने सभी सिविल सर्जनों, मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षकों और अन्य अस्पताल प्रमुखों को जारी पत्र में कहा है कि अस्पताल के प्रवेश द्वार पर आवश्यकता के अनुसार उचित संख्या में सुरक्षा गार्ड की व्यवस्था की जाए। मरीजों की संख्या के आधार पर एक या दो प्रवेश द्वार ही चालू रखे जाएंगे। अनावश्यक द्वार को बंद करने का निर्देश दिया गया है। रात में यदि एक द्वार से काम चलता तो सिर्फ एक ही चालू रखा जाए। अस्पताल भवन में पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया गया है। साथ ही अस्पताल के मुख्य द्वार और परिसर में हाई मास्ट एलईडी लाइट की व्यवस्था करने को कहा गया है। निदेशक प्रमुख के स निर्देश के बाद धनबाद मेडिकल कॉलेज अस्पताल, सदर अस्पताल समेत अन्य अस्पतालों में यह व्यवस्था की जा रही है।
परिजन के लिए जारी होगा बैज: सरकारी अस्पताल में बिना काम के लोगों के प्रवेश को रोकने के लिए प्रबंधन को मरीज के साथ आने वाले परिजनों के लिए बैज जारी करने का निर्देश दिया गया है। मरीज के साथ आए परिजन को यह बैज दिया जाएगा। अस्पताल से बाहर निकलते वक्त उनसे बैज वापस ले लिया जाएगा।
अपंजीकृत मीडिया कर्मी और यूट्यूब के प्रवेश पर रोक
निदेशक प्रमुख ने अपंजीकृत मीडिया कर्मी, यूट्यूबर, कैमरा आदि को भी अस्पताल भवन के अंदर प्रवेश पर रोक लगाने का निर्देश दिया है। स्पष्ट कहा गया है कि ये लोग अस्पताल भवन के अंदर प्रवेश नहीं करेंगे। इसकी जानकारी अस्पताल के प्रवेश द्वार के बाहर प्रदर्शित करने का भी निर्देश दिया गया है।
इधर, झारखंड स्वास्थ्य निदेशालय के निर्देश के आलोक में धनबाद समेत आसपास के क्षेत्रों के सरकारी अस्पतालों में तैयारी शुरू कर दी गई है। उम्मीद है कि शहीद निर्मल महतो मेमोरियल कॉलेज और अस्पताल, सदर अस्पताल समेत अन्य सरकारी अस्पताल में नई व्यवस्था जल्द शुरू कर दी जाएगी।