Jharkhand ranchi bandh today sarna sthal sacred site flyover ramp tribal people on roads दुकानें सूनीं,सड़कें जाम,रांची में किसके विरोध में उतरी इतनी भीड़,पुलिस के छूटे पसीने, Jharkhand Hindi News - Hindustan
Hindi Newsझारखंड न्यूज़Jharkhand ranchi bandh today sarna sthal sacred site flyover ramp tribal people on roads

दुकानें सूनीं,सड़कें जाम,रांची में किसके विरोध में उतरी इतनी भीड़,पुलिस के छूटे पसीने

कई संगठनों ने मंगलवार शाम को यहां मशाल जुलूस निकाला था,जिसमें सिरम टोली में नवनिर्मित रैंप को तुरंत हटाने की मांग की गई थी। उनका दावा है कि यह ढांचा उनके धार्मिक स्थल तक पहुंच को बाधित करता है और यातायात की आवाजाही के कारण इसकी पवित्रता पर असर पड़ सकता है।

Utkarsh Gaharwar लाइव हिन्दुस्तान, रांची, पीटीआईWed, 4 June 2025 11:07 AM
share Share
Follow Us on
दुकानें सूनीं,सड़कें जाम,रांची में किसके विरोध में उतरी इतनी भीड़,पुलिस के छूटे पसीने

झारखंड की राजधानी रांची में आज पहले की तरह बाजारों में रौनक नहीं है। आदिवासी वर्ग सड़कों पर है,वजह है पवित्र धार्मिक स्थल सरना स्थल के पास बन रहा फ्लाईओवर के लिए रैंप। आदिवासी समाज इस रैंप को लेकर विरोध जता रहा है और आज पूरे रांची में बंद का आह्वावन किया है। पुलिस ने बताया कि पूरे झारखंड में खासकर राजधानी रांची में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। कई जगह चक्का जाम किए जा रहे तो कहीं हाथ में झंडे लिए नारेबाजी जारी है।

क्या है असली वजह?

कई संगठनों ने मंगलवार शाम को यहां मशाल जुलूस निकाला था,जिसमें सिरम टोली में नवनिर्मित रैंप को तुरंत हटाने की मांग की गई थी। उनका दावा है कि यह ढांचा उनके धार्मिक स्थल तक पहुंच को बाधित करता है और यातायात की आवाजाही के कारण इसकी पवित्रता पर असर पड़ सकता है। उनकी अन्य मांगों में राज्य में अनुसूचित जनजाति (ST) समुदाय के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा, पेसा (PESA) अधिनियम को लागू करना और आदिवासी भूमि पर से अतिक्रमण हटाना शामिल है।

रांची में 2.34 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड (ऊंची सड़क) का निर्माण चल रहा है। इसमें रेलवे लाइन के ऊपर से गुजरने वाला 132 मीटर का एक हिस्सा भी शामिल है। यह सड़क सिरम टोली को मेकॉन से जोड़ेगी और इसका मकसद इलाके में यातायात को आसान बनाना है। हालांकि,आदिवासी पुरुष और महिलाएं 3 जून को यहां जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम में इकट्ठा हुए और जुलूस निकाला। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार उनकी चिंताओं और भावनाओं को नजरअंदाज कर रही है। आदिवासी संगठनों का तर्क है कि यह रैंप सरहुल जैसे धार्मिक त्योहारों के दौरान जब हजारों लोग इकट्ठा होते हैं,तब सरना स्थल तक पहुंचने में बाधा डालेगा। प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों से सामान्य यातायात को बाधित न करने का आग्रह किया है।

बता दें कि 340 करोड़ रुपये की इस एलिवेटेड रोड परियोजना को अगस्त 2022 में शुरू किया गया था। इससे पहले 22 मार्च को भी 18 घंटे का रांची बंद बुलाया गया था, जिससे राजधानी में सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ था।

मार्च में हुए बंद के दौरान,आंदोलनकारियों की शहर के कई हिस्सों,जिनमें हिनू और अरगोड़ा इलाके भी शामिल हैं,में पुलिस के साथ झड़पें हुई थीं। इस दौरान हरमू, कांके,हिनू,कोकर-पुरानी रांची,कांतातोल और अन्य इलाकों की सड़कों को प्रदर्शनकारियों ने बांस के अस्थाई बैरिकेड्स लगाकर जाम कर दिया था। रांची-लोहरदगा रोड भी रांची में तितला चौक के पास बंद कर दिया गया था, जिससे सार्वजनिक परिवहन बुरी तरह प्रभावित हुआ। शहर की बसें, और बैटरी से चलने वाले ऑटो-रिक्शा सड़कों पर नहीं चल रहे थे। मोबाइल ऐप-आधारित टैक्सी सेवाएं भी मुश्किल से मिल रही थीं,जिससे यात्रियों को काफी परेशानी हुई। यात्रियों को भी असुविधा का सामना करना पड़ा, क्योंकि सीमित परिवहन विकल्पों के कारण उनके लिए रेलवे स्टेशनों या हवाई अड्डे तक पहुंचना मुश्किल हो गया था।

अभी क्या हैं हालात?

रामगढ़ के कुजू में एक दर्जन लोगों को हिरासत में लेकर पुलिस ने जाम हटवाया है। सिमडेगा में अहले सुबह आदिवासी संगठनों ने सड़क पर उतर कर एनएच 143 को जाम कर दिया था। इधर जाम की सूचना मिलते ही पुलिस जाम स्थल पहुंची और लोगों को समझा बूझकर सड़क जाम हटवाया। रांची के अलग-अलग रास्तों पर लोगों का हुजूम है और लोग खूब नारेबाजी करते दिखे।