करमाटांड आदिवासी टोला के लोग आज भी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे
करमाटांड के आदिवासी टोला के लोग पक्की सड़क, बिजली, शौचालय, आवास और पानी जैसी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं। यहां करीब 60-70 लोग रहते हैं, लेकिन सुविधाओं के अभाव में उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना...

डोमचांच निज प्रतिनिधि। प्रखंड अंतर्गत सुदूरवर्ती क्षेत्र के करमाटांड स्थित आदिवासी टोला के लोग आज भी पक्की सड़क,बिजली,शौचालय,आवास और पानी जैसी मूलभूत समस्या से जूझ रहे हैं। इस टोला में 15 घरों में करीब 60-70 लोग निवास करते हैं। लेकिन इस टोला में जाने के लिए नदी पार कर सकरी कच्ची रोड से जाना पड़ता है। इसमे लोगों को बाइक ले जाना मुश्किल हो जाता है। आदिवासियों के लिए मुख्य सड़कों से लेकर उनके गांवों तक आज भी पक्की सड़कें नसीब नहीं हो पाई है। यहां के लोगो को पानी की कोई सुविधा नहीं है। लोग इधर- उधर पैदल भटकर कुंआ या तालाब से पानी लाने पर विवश हैं। सरकार हर घर नल जल योजना से लोगों को घर- घर पहुंचाने की बात कर रही है। लेकिन इस गांव में चापाकल तक नसीब नहीं है। महिलाओं को पहाड़ी रास्तों से होकर तालाब या कुंआ से पानी लाना पड़ता है। शिक्षा क्षेत्र में भी इस टोला के बच्चे पीछे हैं। सुविधा नहीं मिलने से बच्चे शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते हैं। इस टोला में एक भी शौचालय नहीं बना है। इसके कारण लोग खुले में शौच जाते हैं। बिजली की भी व्यवस्था नहीं है। लोग ढिबरी युग में जीने को मजबूर हैं। सभी आदिवासी परिवार मिट्टी के मकानों में रहने को मजबूर हैं। अभी तक किसी परिवार को आवास योजना से नहीं जोड़ा गया है।
क्या कहते हें ग्रामीण?
ग्रामीणों में मंगल मुंडा,बिरसा मुंडा,कैलाश मुंडा, राम मुंडा, सामा मुंडा ने बताया कि हमलोग का आधार कार्ड और वोटर कार्ड भी बना है। हमलोग मतदान का प्रयोग भी करते हैं। लेकिन आज तक कोई सुविधा नहीं मिल पा रही है। हमारे टोला में न ही बिजली,न ही पानी,शौचालय की भी कोई व्यवस्था नहीं है। किसी को आवास भी नहीं मिला है। लोगों ने बताया कि कुछ दिनों पहले विभाग द्वारा पानी टंकी लगाया जा रहा था। लेकिन वन विभाग ने पानी टंकी उखाड़ दिया। पानी टंकी लगाने नहीं दिया गया। इसके कारण हमलोग को पानी की काफी समस्या है। उन्होंने कहा कि शौचालय नहीं होने के कारण सभी खुले में ही शौच जाते हैं।
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