चिकित्सक प्रतिनियुक्त होने के बावजूद अस्पताल में लगा है ताला, स्वास्थ्य सेवाएं ठप
महुआडांड़ के बरदौनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक की अनुपस्थिति के कारण स्वास्थ्य सेवाएं ठप हो गई हैं। मरीजों को 15 से 20 किलोमीटर दूर प्रखंड मुख्यालय जाना पड़ता है। स्थानीय लोगों ने आरोप...

महुआडांड़, प्रतिनिधि। प्रखंड के बरदौनी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक प्रतिनियुक्त रहने के बावजूद चिकित्सक अनुपस्थिति लगातार बनी हुई है। अस्पताल भवन पर अक्सर ताला लटका रहता है, जिससे क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह से ठप पड़ी हैं। विभागीय लापरवाही का खामियाजा दर्जनों गांवों के लोगों को उठाना पड़ रहा है। मरीजों को मामूली इलाज के लिए भी 15 से 20 किलोमीटर दूर प्रखंड मुख्यालय जाना पड़ता है। अस्पताल में नर्स और लैब टेक्नीशियन के भरोसे सीमित सेवाएं दी जा रही हैं, लेकिन डॉक्टर की गैरमौजूदगी के कारण गंभीर मरीज वहां जाना भी उचित नहीं समझते। सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च कर बरदौनी पीएचसी का निर्माण कराया, लेकिन बिजली की मूलभूत सुविधा तक उपलब्ध नहीं है।
इससे न केवल टीकाकरण और दवा भंडारण बाधित है। बल्कि इमरजेंसी सेवाएं भी ठप हैं। शाम होते ही अस्पताल अंधेरे में डूब जाता है। जिससे रात में किसी भी प्रकार की चिकित्सा सुविधा मिलना नामुमकिन हो जाता है। स्थानीय लोगों ने नाराजगी जताते हुए कहा कि जब मौजूदा अस्पताल ही उपयोग में नहीं आ रहा, तो मात्र आधे किलोमीटर दूरी पर एक और अस्पताल भवन बनवाना सरकारी धन की बर्बादी है। ग्रामीणों का आरोप है कि यह निर्माण कार्य जनहित नहीं, बल्कि ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से कराया जा रहा है। गौरतलब है कि सुरेन्द्र कुमार नामक डॉक्टर मात्र 9 अप्रैल को एक दिन और 21 अप्रैल को तीन दिनों के लिए केंद्र पर उपस्थित हुए थे। इसके बाद से वे लापता हैं। प्रभारी चिकित्सक अमित खलखो ने दो बार निरीक्षण कर डॉक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि इस मामले में शीघ्र हस्तक्षेप कर अस्पताल में स्थायी डॉक्टर की नियुक्ति की जाए और पीएचसी को पूरी क्षमता के साथ संचालित किया जाए, ताकि ग्रामीणों को उचित स्वास्थ्य सुविधा मिल सके।
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