जिले के 14 प्लस टू स्कूलों में पदस्थापित हैं 127 शिक्षक
लोहरदगा जिले के 14 प्लस टू स्कूलों में 132 शिक्षकों में से 127 शिक्षकों की बहाली हो चुकी है, फिर भी 5 शिक्षकों की कमी है। इससे पढ़ाई पर असर पड़ेगा। 2024-25 में 7171 विद्यार्थियों में से 6055 ने...

लोहरदगा, संवाददाता। लोहरदगा जिले के 14 प्लस टू स्कूलों में शिक्षकों के लिए सृजित 132 पदों में 127 पद पर शिक्षक बहाल हैं। वही अब भी प्लस टू विद्यालयों में पांच शिक्षकों की कमी है। इसमें अंग्रेजी विषय के एक, भौतिकी के एक और रसायन शास्त्र के तीन शिक्षकों के पद रिक्त हैं। इसका असर प्लस टू विद्यालयों में अध्यापन कार्य मे पड़ेगा। बताते चलें की वर्ष 2024-25 में जिले के 7171 परीक्षार्थियों ने मैट्रिक की परीक्षा दी थी। इसमें से 6055 बच्चों ने मैट्रिक की परीक्षा पास की है। वही 1116 बच्चे असफल रहे हैं। विभागीय निर्णय अनुसार इस वर्ष राज्य के 42 अंगीभूत कालेजों में इंटर के लिए बच्चों का नामांकन नहीं लिया जाना है।
इससे 30,000 से अधिक विद्यार्थियों का नामांकन अब प्लस टू विद्यालयों को ही लेना होगा। ऐसे में प्लस टू विद्यालय में लोड बढ़ेगा। शिक्षकों की कमी का असर बच्चों की पढ़ाई पर पड़ेगा। लोहरदगा जिले में 14 प्लस टू स्कूल, पांच केजीबीवी और पांच निजी इंटर कालेज संचालित हैं। इनके जिम्मे 6,055 विद्यार्थियों की पढ़ाई जी जिम्मेवारी पड़ने वाली है। जिले के प्लस टू ब्रह्माडीहा हाई स्कूल चट्टी, लाल बहादुर शास्त्री हाई स्कूल भंडरा, पीएम श्री यूपीजी गवर्नमेंट हाई स्कूल बीटपी, डॉ. अनुग्रह नारायण हाई स्कूल कैरो, एसएस हाई स्कूल किसको, गांधी मेमोरियल हाई स्कूल माराडीह, प्रोजेक्ट गर्ल हाई स्कूल कुडू, जिला सीएम स्कूल ऑफ़ एक्सीलेंस नदिया हिंदू लोहरदगा, प्लस टू चुन्नीलाल उच्च विद्यालय लोहरदगा, प्रोजेक्ट गर्ल्स हाई स्कूल ईरगांव, प्रोजेक्ट हाई स्कूल मुंगो,गवर्नमेंट नंदलाल हाई स्कूल अरु, प्लस टू हाई स्कूल सलगी और प्लस टू हाई स्कूल कस्तूरबा के अलावे केजिबिभी कुजरा, सेन्हा, भंडरा,किस्को,कूडू और पांच निजी इंटर कालेज जनता इंटर कालेज, इमा इंटर कालेज,किस्को इंटर कालेज, मधुसूदन लाल अग्रवाल इंटर कालेज, मनोहर लाल अग्रवाल इंटर कालेज में मैट्रिक में सफल विद्यार्थी अपना नामांकन कराएंगे। वहीं जिले के प्लस टू विद्यालयों की स्थिति बहुत अच्छी नही कही जा सकती है। कहीं विद्यार्थी अनुपात ने शिक्षकों की कमी है तो कही आधारभूत संरचना और उपस्कर का अभाव बना हुआ है। प्रखंडों में संचालित प्लस टू विद्यालयों की स्तिथि तो और भी दयनीय है, जहां विधार्थिओं के लिए भवन के साथ-साथ बेंच-डेस्क का भी अभाव है। ऐसे में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर प्रश्न चिन्ह लग जाता है। प्रखंडों में तो प्लस टू विद्यालय की दूरी आबादी से किनारे है। इससे विद्यार्थियों को विद्यालय तक पहुंचने में भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। इंटर साइंस की बात करें, तो जिले में विज्ञान विषय के शिक्षकों का तो अभाव है ही लैब और उपस्कर का भी अभाव बना हुआ है। इससे बच्चों को सामुचित शिक्षा मिलना मुश्किल प्रतीत होता है। जिले में अंग्रेजी के एक,भौतिक के एक और रसायन के तीन शिक्षकों के पद रिक्त पड़े हुए हैं, वहीं बच्चों का अधिक संख्या में नामांकन होने की स्थिति में शिक्षकों पर भी दबाव बढ़ेगा जिसका असर शिक्षा पर पड़ेगा। मामले में नामांकन लेने वाले विधार्थियों का कहना है, कि सरकार को विधार्थिओं के भविष्य को देखते हुए संसाधन बढ़ाने की जरूरत है ताकि शिक्षा में गुणात्मक सुधार हो सके उनका मानना है कि जिस अनुपात में विद्यार्थी सफल हो रहे हैं, उसे अनुपात में शिक्षा व्यवस्था का घोर अभाव है। इस पर विभाग और सरकार को दें ध्यान देने की जरूरत है।
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