देश का भविष्य बढ़ाने वाले शिक्षकों को ससमय उनका हक मिलना ही चाहिए: डा वाघमारे
लोहरदगा के डीसी डॉ बाघमारे ने सेवानिवृत्त शिक्षकों के लिए एक कार्यक्रम में कहा कि शिक्षकों को उनका हक समय पर मिलना चाहिए। उन्होंने छात्रों को बड़े सपने देखने और केंद्रीय विश्वविद्यालयों में जाने के...

लोहरदगा, संवाददाता। देश का भविष्य गढ़ने वाले शिक्षकों को उनका हक ससमय मिलना ही चाहिए। उक्त बातें लोहरदगा के डीसी डॉ बाघमारे कृष्ण प्रसाद ने कहीं। वह बुधवार को लोहरदगा के सुदूरवर्ती क्षेत्र कुडू प्रखंड के सालगी पंचायत मुख्यालय में स्थित उत्क्रमित प्लस टू हाई स्कूल में आयोजित सेवानिवृत्ति शिक्षकों को उनके सेवानिवृत्ति के ही दिन सभी देनदारी का भुगतान करने के जिला स्तरीय कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कही। डीसी डॉ बाघमारे ने कहा कि बच्चों से मिलना हमें अच्छा लगता है। हमारे विद्यार्थी जीवन की भी कहानी इस विद्यालय से मिलती जुलती है। हमने भी मराठी माध्यम से सरकारी विद्यालय में पढ़ाई की थी।
डीसी ने विशेष कर 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों से कहा कि आप जीवन के अहम मोड़ पर हैं। अपने सपनों को बड़ा कीजिए। उद्देश्य बड़े होंगे तो अवसर भी बड़ा मिलेगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण पृष्ठभूमि के मेधावी बच्चों को सेंट्रल यूनिवर्सिटी में जाने के लिए प्रयास करना चाहिए। इससे उन्हें बड़े अवसर मिलेंगे। दुनिया बड़ी है, इसलिए बड़ा सोचना पड़ेगा। डीसी ने कहा की सेवानिवृत्ति के दिन शिक्षकों को सभी देनदारी का भुगतान कर लोहरदगा जिले में शिक्षा विभाग ने अच्छी पहल की है। इससे उन्हें दफ्तरों के चक्कर काटने नहीं पड़ेंगे। शिक्षक एक-एक पीढ़ी का निर्माण कर आधुनिक भारत को बनाने का काम कर रहे हैं। देश का नाम रोशन कर रहे हैं। विद्यार्थियों की सफलता के राज के बारे में जब कभी पूछा जाता है, तब उनको उनके शिक्षकों की याद आती है, कि कैसे विद्यार्थी अपने शिक्षकों के बदौलत सफलता प्राप्त कर देश के लिए अपने को समर्पित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस अभियान का शुभारंभ जिला मुख्यालय के बजाय सुदूरवर्ती क्षेत्र का चयन किया गया। यह अपने आप में बड़ी बात है। लंबी अवधि तक सेवा देने वाले मनी उरांव लगभग 36 सालों से अधिक समय तक शिक्षा सेवा में अपने को समर्पित किया। 19 जुलाई 2024 को उन्होंने इस विद्यालय में योगदान किया था। 14 महीने में ही उन्होंने विद्यार्थियों के दिलों में जगह बनाई की तमाम विद्यार्थी के आंखों में आंसू थे। सन्नाटा उनके दिलों को भारी कर रहा था। यह शिक्षक के समर्पण भाव को परिलक्षित करता है। इस मौके पर मनी उरांव और विनोद कुमार को इस अभियान के तहत सभी देनदारी का भुगतान डीसी के द्वारा किया गया। इस मौके पर मनी उरांव ने कहा कि विद्यालय परिवार ने जो सम्मान दिया है। इसके हम सदैव आभारी रहेंगे। विभाग और विशेष कर डीसी और डीएसई ने कार्यक्रम में शामिल होकर शिक्षकों को उनकी अहमियत के अनुरूप सम्मान दिया है। लोहरदगा डीएसई अभिषेक कुमार ने कहा कि मनी उरांव ने बच्चों के दिल को जाना, उन्हें समझने में अपने को खपाया। खासकर वह प्रमोशन के लिए, जो लड़ाई लड़ी, उसका समर्थन उपायुक्त ने भी किया। इससे लगभग 90 शिक्षकों को प्रमोशन दिया गया। इसके लिए पिछले 26 सालों से शिक्षक संघर्ष कर रहे थे। अभियान का लाभ सबसे पहले लेने वाले मनी उरांव ने कहा कि विद्यालय से अलग होना निश्चित रूप से कष्टकारी है। विद्यालय हमेशा से मेरा परिवार रहा है। हमें जब भी मौका मिलेगा बच्चों के बीच जाकर हम उन्हें बेहतर करने के लिए योगदान करेंगे। पिछले 36 सालों में हमने बच्चों शिक्षकों से बहुत कुछ सीखा है। समाज और राष्ट्र सेवा में अपने को खपाया है बावजूद इसके मेरे वाणी से अगर किसी को भी क्षण भर भी कष्ट हुआ, हो तो हम क्षमा प्रार्थी हैं। इस मौके पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। बच्चियों के आंखों में आंसू छलक रहे थे। उन्हें देखकर शिक्षक मनी उरांव भी अपने को रोक नहीं पाए। इस मौके पर स्कूल प्रभारी नसीम के अलावा जिले भर के शिक्षक शिक्षिका और बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे। शिक्षकों में शिक्षक संघ के अध्यक्ष अजय कुमार सिंह, शंभू कुमार,भजन चक्रवर्ती, नवनीत गौड़, विनोद सिंह, सगीर अहमद, भगवान, विशाल, वासुदेव, विनीता, संजय, नीलम, देवंती, सुखराम, भारत, गणेश, विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष रामकिशुन समेत तमाम विद्यार्थी, बड़ी संख्या में अभिभावक व ग्रामीण मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय अध्यापक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक गणेश लाल, प्रदेश शिक्षक संघ के राकेश कुमार,अजय सिंह,शम्भू शर्मा, विजय दास, सलोमी लकड़ा, जोहरा जमाल, संध्या सिंह, पुष्पा बाखला, तौहीद आलम, इनामूल हक,नासिमुद्दीन मिर्दाहा, नरेश कुमार दसौंधी, सगीर अंसारी, बैजनाथ प्रजापति, मारुती भगत, वकील भगत, सुजीत कुजूर, आदित्य वैद्य, अजय भगत,नसीम अंसारी, असीम खलखो, सुमन दास, प्रदीप हिन्द मौजूद थे।
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