Tribute to Pope Francis Special Ceremony Held at Ursuline Convent RC Church Lohardaga कैथोलिक ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस को लोहरदगा में दी गई श्रद्धांजलि, Lohardaga Hindi News - Hindustan
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कैथोलिक ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस को लोहरदगा में दी गई श्रद्धांजलि

लोहरदगा के उर्सुलाइन कान्वेंट आरसी चर्च में कैथोलिक ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस को श्रद्धांजलि दी गई। फा इग्नेस ने पूजा कराई। पोप का निधन 21 अप्रैल को हुआ था। उनका अंतिम संस्कार 26 अप्रैल को होगा। पोप...

Newswrap हिन्दुस्तान, लोहरदगाSun, 27 April 2025 12:45 AM
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कैथोलिक ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस को लोहरदगा में दी गई श्रद्धांजलि

लोहरदगा, संवाददाता। उर्सुलाइन कान्वेंट आरसी चर्च, लोहरदगा में विशेष का आयोजन कर कैथोलिक ईसाई धर्मगुरु पोप फ्रांसिस को श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान मुख्य अनुष्ठाता फा इग्नेस ने पूजा कराई।

कहा गया कि कैथोलिक ईसाई धर्म गुरु पोप फ्रांसिस रोम शहर के वैटिकन सिटी में रहते थे। वैटिकन सिटी ही कैथोलिक ईसाईयों का केंद्र है। वहीं से सारी दुनिया का धार्मिक संचालन करते हैं। पॉप फ्रांसिस का निधन 21 अप्रैल की सुबह 11.35 बजे हो गया। वह 88 वर्ष के थे। वह निमोनिया बीमारी से पीड़ित थे। काफी महीनों से उनका इलाज चल रहा था। 20 अप्रैल को ईसाई धर्मावलम्बियों का बड़ा त्यौहार पास्का पर्व के अवसर पर लोगों के साथ आखिरी बार पूजा प्रार्थना किए थे।

उनकी मृत्यु पर नौ दिनों का शोक रखा गया है। इस समय लोगों के दर्शन के लिए संत पीटर्स महागिरजा घर में रखा गया है। उनका दफन नौ दिनों के शोक के बाद किया गया। दफन की तिथि 26 अप्रैल है। उन्होंने इच्छा जाहिर की थी, कि उन्हें संत मारिया महागिरजा घर में दफनाया जाए। जो उनके विनम्रता को दर्शाता है। जबकि बाक़ी पोप की दफन संत पीटर्स महा गिरजा घर में ही की जाती है।

पॉप फ्रांसिस दक्षिण अमेरिका के अर्जेंटीना के निवासी थे। वह वहीं के कार्डिनल भी थे। उनका बपतिस्मा नाम जोर्जे मारियो बोंगलियो था। अर्जेंटीना देश के ब्यूनस आर्स शहर में 17 दिसंबर 1936 में उनका जन्म हुआ था। वह विद्यार्थी के रूप में केमिकल टेक्नीशियन थे। 1958 को येसु संघ धर्म समाज में प्रवेश किये। और 1969 में पुरोहित बने। 1992 में सहायक बिशप नियुक्त हुए। 1998 में आर्चबिशप बनें। 2001 में कार्डिनल की उपाधि मिली। उनका संत पापा की पदवी का चुनाव 28 फ़रवरी 2013 को हुआ था। जब वह संत पापा बने, तब अपना नाम बदल कर फ्रांसिस रखा। इसलिए की अस्सीसी के संत फ्रांसिस के पद चिन्हों पर चल सकें। पॉप फ्रांसिस भारत देश के दौरे पर 2025 के बाद आने वाले थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी उनसे वेटिकन सिटी में मुलाकात की थी। भारत आने का निमंत्रण दे चुके थे।

शोक सभा में डॉ सि आइलीन, सि डा पुष्पा, सि आशा, सि विमला, सि आश्रिता। कैथोलिक सभा से सुजीत कुजूर, संजय टोप्पो, सुनील डोमिनिक एक्का, लियो एक्का, जॉर्ज कुजूर, अरुण कुजूर, आशीष कुजूर, मॉरिश तिर्की, अनिल बिलुंग, भूषण तिर्की, मनोहर टोप्पो, मनीष किंडो, डेलिकेनुस किंडो, इमानुएल बाड़ा, अजय मिंज। महिला संघ निली एक्का, एरिना कुजूर, सुषमा बेक, संध्या केरकेट्टा, अनीता बाड़ा। युवा संघ अखिल कुजूर, अनुप्रिया तिर्की, सुभाष कुजूर, जॉन टोप्पो आदि श्रद्धांजलि अर्पित किया।

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