भगवान की भक्ति ही सबसे बड़ा धर्म है: कथा वाचक
अमड़ापाड़ा। एसंभगवान का भक्ति ही सबसे बड़ा धर्म है: कथा वाचकभगवान का भक्ति ही सबसे बड़ा धर्म है: कथा वाचकभगवान का भक्ति ही सबसे बड़ा धर्म है: कथा वाचक
अमड़ापाड़ा। प्रखंड क्षेत्र के बासमती गांव के राधा गोविन्द मंदिर में पांच दिवसीय ज्ञान यज्ञ श्रीमदभागवत कथा सह अखंड 24 प्रहर हरि नाम संकीर्तन के दूसरे दिन गुरुवार को अहले सुबह से ही 24 प्रहर हरि नाम संकीर्तन प्रारंभ हो गया। इस दौरान संध्या चार बजे से सात बजे तक बंगला भागवत कथा एवं संध्या सात बजे से ग्यारह बजे तक हिंदी भागवत कथा का आयोजन किया गया। वहीं कार्यक्रम में सम्पूर्ण पूजा पाठ वृन्दावनधाम से पधारे व्यास डॉ. गोविंद मुरारी परासर के द्वारा सम्पन्न कराया जा रहा है। बंगला कथा वाचक पश्चिम बंगाल के आनंदधाम से पधारे प्राण गौर महाराज द्वारा श्रीमदभागवत कथा का महत्व बताते हुए सर्वप्रथम श्रीकृष्ण भगवान की जन्म लीला व यशोमति मईया की वात्सल्य भाव का कथा सुनाया गया। वहीं हिंदी कथा वाचिका वृन्दावनधाम से पधारी स्वेता भार्गव के द्वारा श्रीमदभागवत कथा का महत्व बताते हुए विधुर जी का कथा सुनाया गया। जिसमें उन्होंने बताया कि भगवान प्रेम के भूखे होते है। छप्पन भोग त्याग कर उन्होंने विधुर के घर पर साग और केले के छिलके खाए थे। भगवान का भक्ति ही सबसे बड़ा धर्म है। संध्या में कार्यक्रम के बीच आंधी व बारिश के कारण श्रीमदभागवत कथा में भक्तों की भीड़ कम रही। वहीं हरिनाम संकीर्तन निरंतर जारी है। कार्यक्रम में संध्या आरती एवं प्रसाद का वितरण किया गया। मौके पर अध्यक्ष सुबोल पाल, शिवशंकर पंडित, मुकेश पंडित, घनश्याम पाल, वीरेंद्र कुमार, मोहन पाल, निताईचंद्र पाल, रामानंद महतो, प्रताप मंडल, गोपाल पंडित, प्रभात महतो, पंचपांडव पंडित, महावीर पंडित, साधन मुखर्जी, माधव मुखर्जी, सपन पाल उपस्थित थे।
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