प्रशासनिक निर्देश के बाद भी माफिया कर रहे पुल के पास से बालू उठाव
महेशपुर में बांसलोई नदी पर बने पुल के नीचे 500 मीटर के दायरे में बालू माफियाओं द्वारा अवैध बालू उत्खनन किया जा रहा है। प्रशासन ने छापेमारी कर चार ट्रैक्टर जब्त किए। अवैध उत्खनन से पुल की सुरक्षा खतरे...

महेशपुर। एक संवाददाता बांसलोई नदी पर बने पुल के नीचे पांच सौ मीटर के दायरे के अंदर से बालू माफियाओं द्वारा लगातार बालू का अवैध उत्खनन और परिवहन कर रहे है। विभाग द्वारा पुल के समीप दोनों ओर पांच सौ मीटर के अंदर के दायरे तक बालू का उत्खनन करना पूर्ण रूप से प्रतिबंधित किया गया है। इसके बावजूद बालू के अवैध धंधे से जुड़े बालू माफिया पुल के प्रतिबंधित पांच सौ मीटर के दायरे के अंदर से बालू का उत्खनन बेखौफ कर रहे हैं। यह बालू घाट चिन्हित व चयनित घाटों की सूची में नहीं है। मगर अफसोस की बात है कि अवैध रुप से बालू उत्खनन का नजारा दिन के उजाले में पुल के पास दिखता है।
बालू के अवैध धंधेबाज रोजाना प्रतिबंधित अवैध बालू घाट से बालू उत्खनन कर सरकार के राजस्व का चूना लगा रहे हैं। साथ ही नदी तल से अत्यधिक बालू के उत्खनन से बांसलोई नदी पर बने पुल की सुरक्षा के अस्तित्व पर भी स्पष्ट तौर पर प्रश्न चिन्ह लगता दिखाई पड़ रहा है। प्रखंड के चंडालमारा गांव स्थित नदी पर बने पुल का वर्ष 2019 मे ढह जाना एक जीता जागता उदाहरण है। अवैध तरीके से बालू उठाव किए जाने की सूचना पर 16 मई को महेशपुर सीओ संजय कुमार सिन्हा, एसडीपीओ विजय कुमार तथा थाना प्रभारी विकर्ण कुमार ने छापेमारी कर बासमती गांव के समीप बने पुल के पास से चार बालू लदे ट्रैक्टरों को जब्त किया था। जिसके बाद बालू माफियाओं में हड़कंप मच गया था। प्रशासन की ओर से की गई करवाई आम लोगों के बीच काफी सराहनीय कदम बताया गया था। क्योंकि चंडालमारा गांव स्थित बांसलोई नदी पर बने पुल के टूट जाने से आम लोगों ने जिन दिक्कतों का सामना किया था, उसे लोग भूले नहीं हैं। माफिया बांसलोई नदी को खोखला करने के बाद अब उन लोगों की नजर पुलों पर भी पड़ गई है। बलियाडंगाल गांव स्थित बासमती पुल के पाया के नीचे से प्रतिदिन अवैध तरीके से बालू की उठाव हो रही है। प्रशासन के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए उक्त पुल के नीचे से बालू उठाव करने पर तुले हुए हैं। माफिया बासमती पुल को ध्वस्त करने में लगी हुई है। इस पुल के नीचे से बालू माफियाओं के द्वारा दिन एवं रात में अवैध तरीके से बालू का उठाव किया जा रहा है। बालू माफिया रैकी कर प्रशासनिक पदाधिकारी की देती है जानकारी: बालू माफियाओं की नजर प्रशासन के ऊपर रहती है। प्रशासन के संबंधित अधिकारी जैसे ही अपने कार्यालय से निकलते हैं। बालू माफिया के संबंधित लोग इसकी सूचना तुरंत बालूघाट में मौजूद अवैध तरीके से बालू उठाव कर रहे लोगों को दे देते हैं। इसके बाद प्रशासन के पहुंचने से पहले ही बालू माफिया ट्रैक्टर लेकर भाग निकलते हैं। पुल के नीचे से बालू उठाव करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। 500 मीटर के दायरे के अंदर से अगर बालू उठाव होती है तो बालू उठाव करने वाले के खिलाफ कड़ी कारवाई की जाएगी। विजय कुमार एसडीपीओ, महेशपुर
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