बोले पलामू : ग्रामीणों की गुहार, सिंचाई और सड़क की सुविधा जल्द हो बहाल
हरतुआ पंचायत में बुनियादी सुविधाओं की कमी से लोग परेशान हैं। सड़कें जर्जर हैं, पेयजल की सुविधा नहीं है और सिंचाई के साधन भी उपलब्ध नहीं हैं। किसानों को मानसून पर निर्भर रहना पड़ता है। शिक्षा की स्थिति...
नीलांबर-पीतांबरपुर प्रखंड में हरतुआ पंचायत में बुनियादी सुविधाओं की बदतर स्थिति आम राहगीरों को भी रूला रही है। सड़क में बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। पेयजल सुविधा भी समुचित रूप से आम लोगों को मयस्सर नहीं है। सिंचाई की सुविधा पूरे पंचायत में सुलभ नहीं है। किसान मानसून आधारित बारिश के सहारे खेती करने के लिए विवश हैं। इसके कारण सुखाड़ हर दूसरे-तीसरे साल किसानों को रूलाते रहता है। हिन्दुस्तान अखबार के बोले पलामू अभियान में ग्रामीणों ने खुलकर अपनी समस्याओं को रखा और निदान की मांग की। नीलांबर-पीतांबरपुर। पलामू जिले के मेदिनीनगर-पांकी रोड के उत्तर की ओर बसा हुआ नीलांबर-पीतांबरपुर प्रखंड का हरतुआ पंचायत का प्रगतिशील किसानों व कर्मठ कामगारों का का पंचायत है।
यह पंचायत हरतुआ सहित 11 गांवों में फैला हुआ है। अन्य गांव फुदिया, सोनी सरई, बैरिया, चक नावाडीह, आलमपुर, झरकटिया, रामानंद डबरा, बख्सी डबरा, अमवा और पचमो गांव इस पंचायत में स्थित है। 12 वार्ड में विभक्त इस पंचायत में 10 स्कूल भी संचालित है, परंतु हाईस्कूल तक की पढ़ाई की सुविधा पंचायत में उपलब्ध नहीं है। पंचायत के विद्यार्थी हाईस्कूल की पढ़ाई के लिए प्रखंड मुख्यालय स्थित प्लस-2 विद्यालय में जाने के लिए विवश हैं। पेयजल की सुविधा भी पूरे पंचायत में बदतर हालात में है। झारकटिया में महिला व अन्य लोगों ने खराब जलमीनार के सामने खड़ी होकर अपनी परेशानी को साझा किया और कहा कि पीने के लिए पानी अब भी उन्हे नसीब नहीं हो पा रहा है। दावा पाइप लाइन से घर-घर पानी पहुंचाने का किया गया था परंतु पानी के लिए खराब चापाकल और लघु जलमीनार तक नहीं बनवाया जा रहा है। सिंचाई की असुविधा की चर्चा करते हुए ग्रामीणों ने कहा कि कुंदरहिया नाला जिसे ग्रामीण नदी के नाम से पुकारते हैं परेशानी का सबब बन गया है। इस नाले के कटाव से खेत बर्बाद होते जा रहे हैं। सिंचाई, पर्व-त्योहर में स्नान और अंतिम संस्कार भी इसी नाले के किनारे लोग करते हैं। पंचायत के उत्तर में जिले की दूसरी बड़ी नदी अमानत बहती है। इस नदी से सिंचाई के लिए भालको योजना से खेतों में पाइपलाइन बिछाकर पहले सिंचाई होता था किंतु विभाग के लापरवाही और सरकार के उदासीन रवैये के कारण यह योजना डेड पड़ा है। हाईस्कूल स्तर की शिक्षा व्यवस्था नहीं : हरतुआ पंचायत क्षेत्र में हाईस्कूल स्तर की शिक्षा के कोई साधन नहीं है। सरकारी शिक्षा की व्यवस्थाएं भगवान भरोसे चल रही है। बच्चों को उत्कृष्ट शिक्षा दिलाने वाले अभिभावकों को शहर की ओर रुख करना पड़ता है। स्थानीय स्तर पर शिक्षा की बेहतर सुविधाएं न होने से क्षेत्र के बच्चे आज के प्रतियोगी युग में बाकी बच्चों से पीछे चल रहे है। बच्चों को उचित शिक्षा न मिलने से उनका शिक्षा का आधार मजबूत नहीं हो पा रहा है । साथ ही क्षेत्र की व्यवसायिक गतिविधियां अधर में लटकी हुई है। ग्रामीणों ने कहा कि शिक्षित व्यक्ति ही क्षेत्र के समुचित विकास में दिलचस्पी रख सकेगा। जर्जर सड़क से होती है रोज दुर्घटनाएं : हरतुआ पंचायत क्षेत्र में कच्ची सड़कों का जाल है। इन सड़कों का निर्माण भी विगत कई दशक पूर्व हुआ है। साथ ही निर्माण के समय भी गुणवत्ता उच्च भी था परिणामतः थोड़े समय में ही सड़के टूटती चली गई। नियमित रूप से मरम्मत न किए जाने से सड़क बदतर होता चला गया। बरसात आते ही पंचायत क्षेत्र से गांव तक पहुंचना चुनौती बन जाती है। लोग अक्सर दुर्घटनाग्रस्त होकर अपने हाथ पैर तुड़वा लेते हैं। शहर से पंचायत क्षेत्र को जोड़ने वाली सड़कों का बेहतर न होने से क्षेत्र का विकास अवरुद्ध हो गया है। किसान अपने उत्पादों को बाजार तक पहुंचने में विफल हैं। व्यावसायिक गतिविधियां भी प्रभावित हो रही है। पेयजल की किल्लत से लोग परेशान हरतुआ पंचायत क्षेत्र में पीने के लिए शुद्ध पेयजल की सुविधा की कमी है। गांवों के चापाकल भी गर्मी के शुरुआती दौर में ही सूखने लगते है। पेयजल के लिए लोगों को उपलब्ध चापकल पर घंटों लाइन लगाकर खड़ा रहना पड़ता है। जलस्तर लगातार नीचे जा रहा है। गर्मी के प्रारंभिक स्थिति में ही आसपास के नदी नाला पोखरा सब सूख जाते है जिससे मनुष्यों के साथ पशु-पक्षियों को भी पानी पीने के तरसना पड़ता है। लोगों को पीने के पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। सूखे हुए चापाकल का मरम्मती भी ससमय नहीं किया जाता है। नालियों की नहीं होती है सफाई हरतुआ पंचायत क्षेत्र में स्वच्छता की घोर कमी है। स्वच्छता के मामले में यह क्षेत्र बहुत पीछे है। सार्वजनिक जगहों की स्थितियां बेहद खराब है। नालियों के सफाई नहीं होने से सदैव दुर्गंध विद्यमान रहता है। सार्वजनिक जगहों पर लोग गंदगी का अंबार लगा देते है। इसके कारण आवागमन मुश्किल से हो पाता है। इन कारणों से पंचायत की गिनती कभी भी उत्कृष्ट पंचायत में न हो सकी। गंदगी के कारण लोगों के समक्ष मुश्किल हालात होता ही है। साथ ही पंचायत भी अबतक विकास से अवरुद्ध है। सिंचाई के साधनों की कमी नीलांबर-पीतांबरपुर प्रखंड में हरतुआ पंचायत क्षेत्र के विभिन्न हिस्से में सिंचाई के कोई भी ठोस साधन उपलब्ध नहीं है। पूरे पंचायत क्षेत्र की फसल उत्पादन की स्थिति केवल मानसून भरोसे है। सिंचाई के अन्य स्रोतों के विकल्प की व्यवस्था सुदृढ़ होनी चाहिए ताकि बेहतर सिंचाई से फसल की उत्पादकता बढ़ाई जा सके। फसल की स्थिति बेहतर होने से किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी। सिंचाई की सुविधा के लिए ग्रामीण लगातार मांग उठाते आ रहे है परंतु निदान नहीं निकल रहा है। योजना का नहीं मिल रहा लाभ प्रधानमंत्री आवास योजना के सूची में गांव के जिन लोगो का नाम था राजनीति के तहत उस डेटा को डिलीट कर दिया गया। जिन लोगों को इस योजना के तहत आवास का लाभ मिलना चाहिए था नही मिला, कई अयोग्य लोगों के नाम से आवास का लाभ दिया जा रहा है। पशु शेड का लाभ देने में भी यही स्थिति है। वास्तविक लाभार्थियों को लाभ नही मिल पा रहा है। सिंचाई की सुविधा देने में भी यही स्थिति बनी हुई है। इसके कारण पंचायत का समग्र विकास नहीं हो पा रहा है। िसंचाई सुविधा की कमी कुंदरहिया नाला जिसे ग्रामीण नदी कहते के कटाव से आम किसान परेशानी में हैं। हालांकि इस नाले से सिंचाई की सुविधा भी किसानों को मिलती है। साथ ही पर्व में स्नान आदि में ही पंचायत के उत्तर में जिले की दूसरी बड़ी नदी अमानत बहती है। इस नदी से सिंचाई के लिए समुचित प्रयास करने की आवश्यकता थी जो अबतक नहीं किया जा सका है। इनकी भी सुनिए पूरे पंचायत क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं की बदतर हालात है। सड़क बहुत ही खराब हो चुका है। अक्सर दुर्घटना होती रहती है। पेयजल की सुविधा भी बेहद खराब है। हाईस्कूल स्तर की शिक्षा की बेहद कमी है। इस दिशा में अबतक प्रयास नहीं हो सका है। सिंचाई की हालत भी बेहद खराब है। -नंद कुमार भारती, सामाजिक कार्यकर्ता पंचायत में उपलब्ध संसाधन से विकास किया जा रहा है। शिकायत कौन क्या कर रहा है इससे बहुत मायने नहीं रखता है। सड़क की स्थिति में सुधार विभाग स्तर पर किया जाना है। हाईस्कूल स्तर की शिक्षा भी विभाग को करना है। सिंचाई की सुविधा के लिए भी पहल सरकार स्तर पर ही संभव है। पेयजल आदि को बेहतर करने का प्रयास किया जा रहा है। -अरविंद शुक्ला, मुखिया ग्रामीणों ने कहा- सुविधाओं में हो बढ़ोत्तरी पेयजल की कमी से पूरा हरतुआ पंचायत जूझ रहा है । दिन प्रतिदिन ग्राउंड वॉटर का स्तर नीचे जा रहा है। खराब स्थिति को दुरुस्त करने की आवश्यकता है ताकि शुद्ध पेयजल मिल सके। -राधा देवी हरतुआ पंचायत में स्वास्थ्य सुविधा की स्थिति दयनीय है। किसी भी आकस्मिक स्थिति के लिए लोग पूरी तरह शहर पर निर्भर है। स्वास्थ्य की बुनियादी व्यवस्था दूर करना आवश्यक है। -अमृत गिरी सड़क के हालात बेहद खराब है। आए दिन सड़कों पर बड़ी संख्या में दुर्घटनाएं घटित हो रही है। सड़कों को तत्काल दुरुस्त करना बेहद आवश्यक है ताकि लोग आसानी से आवागमन कर सके। -दिलीप राम हरतुआ पंचायत में खेल के मैदान का अभाव है। खेल के मैदान न होने से प्रतिभावान खिलाड़ी भी अपनी क्षमता का प्रयोग नहीं कर पा रहे है। नियमित अभ्यास किट उपलब्ध कराने की जरूरत है। - नीलकंठ गिरी पंचायत में सार्वजनिक पुस्तकालय की मांग वर्षों से की जा रही है। पुस्तकालय होने से सामूहिक लोग एक ही स्थान पर बैठकर ग्रामीण क्षेत्र की विकास के लिए परिचर्चा कर सकेंगे। -दीपक गिरी पंचायत क्षेत्र में जर्जर बिजली पोल और तार को तत्काल ठीक करना बेहद आवश्यक है। वर्तमान स्थिति बड़ी दुर्घटना का आमंत्रण दे रही है। बुनियादी सुविधा बेहतर करने की आवश्यकता है। -शंभू गिरी पंचायत क्षेत्र में शिक्षा का स्तर बेहद खराब है। शिक्षक विद्यालय के कार्यों का केवल निष्पादन मात्र करते है। विद्यार्थियों को पढ़ाने में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं होती है। जो चिंता का विषय है। -घनश्याम गिरी हरतुआ पंचायत की समस्याओं को सुलझाने के लिए नियमित रूप से गांवों में शिविर का आयोजन किया जाना चाहिए ताकि गांव के लोगों को ज्यादा परेशानी का सामना न करना पड़े। -विनय गिरी बुनियादी सुविधाओं का क्षेत्र में घोर अभाव है। सड़क, नाली, पेयजल, बिजली आपूर्ति आदि की बदतर स्थिति है। बुनियादी सुविधाओं को दुरुस्त करना बेहद जरूरी है। -सुंदरी कुंवर पंचायत क्षेत्र के गांवों में सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति होता है। प्रतिदिन पंचायत के सभी सड़कों की नियमित सफाई होनी चाहिए ताकि लोग पूरे पंचायत क्षेत्र को स्वच्छ रख सके। -कमलेश गिरी पंचायत क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं को ठीक करना बेहद आवश्यक है ताकि हरतुआ पंचायत भी उत्कृष्ट पंचायत के रूप में विकसित हो सके। साथ ही यहां के निवासियों को जरूरी सुविधा मिले सके। -संजू देवी नियमित रूप से पंचायत में साफ सफाई होते रहना चाहिए ताकि पंचायत वासी स्वच्छ माहौल में बेहतर जीवन यापन कर सके। साथ ही गंदगी के कारण होने वाली बीमारियों से बच सके। -सुनीता देवी
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